मिसाइलमैन के नाम से मशहूर इंडिया के 11वें राष्ट्रपति अब्दुल कलाम (Abdul Kalam) की आज जयंती है। देश के सबसे चहेते राष्टपतियों में से एक रहे डॉ। कलाम का पूरा जीवन देश की तरक्की और उन्नति के लिए समर्पित है। उनकी ऑटोबायोग्राफी 'विंग्स ऑफ फायर' (Wings of Fire) आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरित कर रही है। आइए डॉ कलाम के जन्मदिन के मौके पर जानिए उनके जिंदगी से जुड़े 05 दिलचस्प और अनसुनी कहानियां।
देश के सबसे कामयाब वैज्ञानिकों में से एक कहे जाने वाले डॉ कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामश्वरेम में हुआ था। आज ही के दिन यानि 15 अक्टूबर, 1931 को मछुआरों के परिवार में जन्में कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलआबिदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था। उनका बचपन बहुत तंगहाली में बीता था।
कलाम को उनके दिए मोटिवेशनल भाषणों के लिए भी पहचाना जाता है। उनके द्वारा कही गई बात आज भी छात्रों को बहुत प्रेरित करती है। संयुक्त राष्ट्र ने कलाम के इन्हीं प्रयासों को सम्मानित करते हुए 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के रूप में मनाने की घोषणा की गई है।
कलाम आम आदमी की आवश्यकताओं पर भी काम करते थे और निरंतर इस कोशिश में रहते थे कि कैसे टैक्नोलॉजी की सहायता से उनकी जरुरूत की चीजें सस्ती की जाएं। हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल के चेयरमेन सोमा राजू की सहायता से उन्होंने एक सस्ता और बेहतरीन कोरोनरी स्टेंट भी बनाया, जिसका नाम रखा गया 'कलाम-राजू स्टेंट'। 14 साल बाद यानी 2102 में दोनों ने मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों के हैल्थकेयर वर्कर्स के लिए एक टेबलेट कम्यूटर भी तैयार किया, जिसको 'कलाम-राजू टेबलेट' नाम भी दिया जा चुका है। ऐसा माना जाता है कि कलाम ने अपने प्रोफेशनल करियर में सिर्फ दो छुट्टियां लिया था। एक अपने माता की मृत्यु के वक़्त और दूसरी अपने पिता के देहांत के वक़्त।
देश के सर्वोच्च पद पर बैठने के बावजूद डॉ कलाम सादगी के मिसाल थे। उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के बीच उनके परिवार और रिश्तेदारी के कुछ लोग राष्ट्रपति भवन आ गए थे। वे कुल 8 दिन तक राष्ट्रपति भवन में ही रहते थे, लेकिन डॉ। कलाम ने उनके रहने खाने आदि पर हुए सभी खर्च का जिम्मा खुद उठाया था।
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