अगरतला: 15 नवंबर, 1949 को भारतीय संघ में विलय होने तक त्रिपुरा एक रियासत थी। 17 मई, 1947 को त्रिपुरा के अंतिम महाराजा बीर बिक्रम सिंह के देहांत के बाद महारानी कंचनप्रभा (महाराजा बीर बिक्रम की पत्नी) ने त्रिपुरा राज्य का प्रतिनिधित्व संभाला और उसे भारत में विलय किया। प्रति वर्ष 21 जनवरी को त्रिपुरा का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
बता दें कि, त्रिपुरा उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित भारत का एक राज्य है। यह भारत का तीसरा सबसे छोटा सूबा है, जिसका क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किमी है। इसके उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में बांग्लादेश स्थित है, जबकि पूर्व में असम और मिजोरम की सीमाएं हैं। सन 2012 में इस राज्य की आबादी करीब 36 लाख 71 हजार थी। अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है। बंगाली और त्रिपुरी भाषा यहाँ की प्रमुख भाषायें हैं। आधुनिक त्रिपुरा क्षेत्र पर कई शताब्दियों तक त्रिपुरी राजवंश ने शासन किया। त्रिपुरा की स्थापना 14वीं शताब्दी में माणिक्य नामक इण्डो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया ने की थी, जिसने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया था।
1808 में इसे ब्रिटिश साम्राज्य ने जीता, यह स्व-शासित शाही राज्य बना। 1956 में यह भारतीय गणराज्य में सम्मिलित हुआ और 1972 में इसे राज्य का दर्जा दिया गया। त्रिपुरा का आधे से अधिक हिस्सा जंगलों से घिरा है, जो प्रकृति-प्रेमी पर्यटकों को आकर्षित करता है, किन्तु दुर्भाग्यवश यहाँ कई आतंकवादी संगठन पनप चुके हैं जो अलग राज्य की माँग के लिए समय-समय पर राज्य प्रशासन के खिलाफ जंग छेड़ते रहते हैं। हैण्डलूम बुनाई यहाँ का मुख्य उद्योग है।
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