नई दिल्ली: वर्ष 2008 से ही हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है, तो फिर सवाल ये उठता है कि 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की क्या जरूरत है. दरअसल यह दिन मौलाना अबुल कलाम आजाद की विरासत को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है.
मौलाना अबुल कलाम आजाद बेहद प्रतिभाशाली दिमाग के धनी थे. आजादी के बाद वह देश के प्रथम शिक्षा मंत्री बने. अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस को देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day 2021) के तौर पर मनाया जाता है. उन्होंने स्वतंत्र भारत में वर्ष 1947 से 1958 तक शिक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं. मौलाना अबुल कलाम आजाद एक शिक्षाविद् थे, वह पत्रकार थे और स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता भी थे.
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने देश में शिक्षा के ढांचे को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई. कलाम कहते थे, हमारे सपने विचारों में तब्दील होते हैं और विचारों का नतीजा कर्मों के रूप में सामने आता है. मौलाना अबुल कलाम ने देश में शिक्षा के ढांचे में सुधार का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए हमेशा कोशिशें करते रहे.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आज फिर राहत, जानिए आज का भाव
इस बैंक ने अपने ग्राहकों को दिया बड़ा झटका, अब सेविंग्स पर मिलेगा और कम ब्याज
अपने दम पर सबसे अमीर महिला बनी नायका की संस्थापक फाल्गुनी नायर