नई दिल्ली: तीन साल पहले आज ही के दिन 2019 में रात के करीब 3.00 बजे थे. जब IAF के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान की बॉर्डर में दाखिल हुए और बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. बाद में इसे बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम से जाना गया. सरकारी दावे के अनुसार, मिराज 2000 ने आतंकी ठिकानों पर लगभग 1000 किलो के बम गिराए थे, जिसमें लगभग 300 आतंकी ढेर हो गए. वहीं, पाकिस्तान को भारत के इस एक्शन की भनक तक नहीं लगी थी.
भारत की ओर से पाकिस्तान पर यह स्ट्राइक 12 दिन पहले पुलवामा में की गई आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई थी. दरअसल 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने CRPF पर कायराना हमला किया था. इस हमले में 40 CRPF जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे और कई अन्य गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकी विस्फोटकों से लदा वाहन लेकर CRPF जवानों की बस में जा घुसा था. इस टक्कर के बाद एक जोरदार विस्फोट हुआ और बस से जा रहे CRPF के जवानों के क्षत विक्षत शरीर जमीन पर बिखर गए थे. भारत ने इस करयाणा हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश के आतंकी कैंप पर महज 12 दिनों के भीतर हमला किया था.
जिस दिन पुलवामा में हमला हुआ, उसके एक दिन बाद पंद्रह तारीख को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने पाकिस्तान से बदला लेने के लिए ऑप्शन रखे गए. उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया था, मगर इस बार फैसला हुआ था कि किसी दूसरे तरीके से जवाब दिया जाएगा. लंबे मंथन के बाद एयरस्ट्राइक करने का फैसला लिया गया. पीएम मोदी की ओर से NSA अजित डोभाल को इस योजना का जिम्मा सौंपा गया. अजित डोभाल और तत्कालीन एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने पूरे एक्शन का ब्लूप्रिंट तैयार किया. इसी दौरान फैसला लिया गया कि बालाकोट में मौजूद जैश-ए- मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा.
जब सबकुछ तय हो गया, उसके बाद सभी एजेंसियों ने इनपुट निकालना शुरू किया. RAW, IB ने जैश के ठिकानों की पुख्ता जगह निकालनी शुरू की. भले ही इस हमले में एयरफोर्स का अहम रोल था, किन्तु थल सेना को भी अलर्ट पर रखा गया. खासकर LoC के पास वाले इलाके में जवान पूरी तरह अलर्ट थे. एयरस्ट्राइक से 2 दिन पहले ही फैसला हुआ कि मिराज 2000 के साथ AWACS को भी तैनात किया जाएगा. इन्हें ग्वालियर में तैनात किया गया, साथ ही आगरा बेस को भी सतर्क किया गया था. 25 फरवरी की शाम ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे लोगों के फोन बंद कर दिए गए. पीएम मोदी, NSA अजित डोभाल और बीएस धनोआ लगातार हर अपडेट की जानकारी ले रहे थे.
26 फरवरी की देर रात मिराज 2000 ने ग्वालियर से टेक ऑफ किया, तो आगरा, बरेली के एयरबेस को भी अलर्ट पर रखा गया. इस दौरान पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पर नज़र रखने के लिए कहा गया. 12 मिराज लड़ाकू विमान रात करीब तीन बजे पाकिस्तानी सरहद में दाखिल हुए और बालाकोट में बम बरसाने शुरू कर दिए. इस दौरान पाकिस्तान के एफ16 विमान सक्रीय हो गए, किन्तु तबतक भारत की एयरफोर्स अपना काम कर चुकी थी. इंडियन एयरफोर्स के एक्शन में बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के ठिकाने नष्ट कर दिए गए थे. भारत सरकार ने कहा कि इस हमले में जैश के सैकड़ों आतंकियों ढेर हो गए थे. पाकिस्तान ने एयरस्ट्राइक के बाद अपने पूरे एयर स्पेस को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया था और कई महीनों तक घटनास्थल पर किसी को नहीं जाने दिया.
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