भारत सहित दुनिया के कई देशों में आदिवासी जाति (World Tribal Day 2021) के लोग रहते हैं। इनका रहन-सहन, खान-पान और रीति-रिवाज और पहनावा आदि बाकी लोगों से अलग होता है। समाज के मुख्यधारा से कटे होने के कारण पूरी दुनिया में आदिवासी लोग आज भी काफी पिछड़े हुए हैं। हालांकि, इन्हे समाज के मुख्यधारा से जोड़ने और आगे बढ़ाने के लिए देश-दुनिया में कई तरह के सरकारी कार्यक्रम और गैर-सरकारी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
भारत की बात करें तो देश की आजादी में आदिवासी समाज के लोगों का काफी बड़ा योगदान रहा है। आजादी के संघर्ष में बिरसा मुंडा ने झारखंड और छोटानागपुर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई थी। दुनिया के तक़रीबन 90 से अधिक देशों मे आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी तक़रीबन 7 हजार भाषाएं हैं। इसके बाद भी आदिवासी लोगों को अपना अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
आज पूरी दुनिया में नस्लभेद, रंगभेद, उदारीकरण जैसे कई कारणों के चलते आदिवासी समुदाय के लोग अपना अस्तित्व और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। झारखंड की कुल आबादी का लगभग 28 फीसदी आदिवासी समाज के लोग हैं। इनमें संथाल, बंजारा, बिहोर, चेरो, गोंड, हो, खोंड, लोहरा, माई पहरिया, मुंडा, ओरांव आदि बत्तीस से अधिक आदिवासी समूहों के लोग शामिल हैं। यही वजह है कि आदिवासी समाज के उत्थान और उनकी संस्कृति व सम्मान को बचाने के अलावा आदिवासी जनजाति को बढ़ावा देने व उनको प्रोत्साहित करने के लिए प्रति वर्ष 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस (World Tribal Day) के रूप में मनाया जाता है।
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