न्यूयार्क: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 40000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं इस बात को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने एक शानदार खोज की है.
वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का एक ऐसा टूल विकसित किया है जो इस बात का सहीसही पता कर लेता है कि किस कोरोना पीड़ित की हालात बिगड़ेगी और उसको श्वसन तंत्र की गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी. कंप्यूटर्स मैटेरियल्स एंड कंटीनुआ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में बीमारी बिगड़ने के संकेतों का विवरण भी दिया गया है. न्यूयार्क विश्वविद्यालय में क्लीनिकल असिस्टें प्रोफेसर मेगन कॉफी ने बताया कि हमारे इस माडल की सत्यता स्थापित करने के लिए अभी और काम होना है. यह उन मरीजों का पता लगाने में सक्षम है जिनकी हालत बिगड़ सकती है. यह उन डाक्टरों के लिए अनुकूल है जिन्हें वायरस पीड़ितों के इलाज का अनुभव है.
न्यूयार्क विवि के ही एक अन्य क्लीनिकल असिस्टेंट प्रोफेसर अनासे बारी ने बताया कि हमारा उद्देश्य था कि हम लोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित ऐसा टूल बनाएं जिससे कोरोना का मामला भविष्य में बिगड़ने के बारे में पता लगाया जा सके. हमें उम्मीद है कि जब यह टूल पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो इसकी मदद से डॉक्टर इस बात का आकलन कर लेंगे किस मरीज को घर भेजा जा सकता है और किसे अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है. इस अध्ययन में चीन के दो अस्पतालों में आए सार्स कोरोना वायरस के 53 मरीजों के इलाज संबंधी सभी तरह के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है. इन सभी मरीजों में शुरुआती लक्षण बहुत मामूली पाए, लेकिन एक सप्ताह बाद इनमें से कुछ के लक्षण बेतहाशा बिगड़ने लगे. कुछ को न्यूमोनिया तक हो गया.
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