नई दिल्ली : तीन तलाक विधेयक को वापस लेने के वादे पर कांग्रेस की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा है कि, लोगों के आत्मा तक को झकझोरने वाली बरेली की ‘निकाह हलाला’ जैसी घटनाओं को असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए. इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस के सम्मेलन में पार्टी के महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद हमारी बनती है, तो हम तीन तलाक कानून को ही समाप्त कर देंगे.
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खबरों के अनुसार, बरेली में एक महिला को उसके पति ने दो बार तलाक दे दिया और फिर से उससे विवाह किया. इस दौरान महिला को दो बार निकाह-हलाला और इद्दत की मुद्दत का सामना करना पड़ा था. पहले तलाक के बाद पीड़ित महिला का निकाह हलाला उसके ससुर के साथ किया गया था, जबकि दूसरी बार पति के भाई ने उसके साथ हलाला किया था. उल्लेखनीय है कि, मुसलमानों में तलाक देने के बाद यदि कोई व्यक्ति, पत्नी से वापिस शादी करना चाहती है तो महिला को निकाह-हलाला करना अनिवार्य होता है. हलाला में महिला को किसी दूसरे पुरुष के साथ निकाह कर, शारीरिक संबंध बनाने होते हैं, जिसके बाद उससे तलाक लेना होता है. उसके बाद उसे इद्दत की मुद्दत को भी पूरा करना होता है.
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इसी घटना को लेकर, ‘बरेली ‘निकाह-हलाला’ क्या आपकी जमीर को नहीं झकझोरता?’ शीर्षक से फेसबुक पर जेटली ने एक पोस्ट लिखा है, ‘‘दुर्भाग्यवश, जब सुबह के अखबार में यह खबर पढ़ कर मानवीय विवेक जागना चाहिए था; अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और उनकी मंडली अल्पसंख्यक सम्मेलन में तीन तलाक पर सजा का प्रावधान करने वाले कानून वापस लेने का वादा कर रहे हैं.’’
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