नई दिल्ली: मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि 2019 के आम चुनाव में देश के सामने दो ही विकल्प है मोदी या अराजकता। उन्होंने आगामी लोक सभा चुनाव की तुलना वर्ष 1971 के आम चुनाव से की, जब विभाजित कांग्रेस के एक दल की नेता के रूप में इंदिरा गांधी ने विपक्ष के महागठबंधन को करारी मात दी थी।
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कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी की तरफ से आयोजित की गई विपक्ष की महारैली और आगामी आम चुनाव की संभावनाओं के बारे में लिखे गए अपने आलेख में अरुण जेटली ने कहा है कि विपक्ष ने मोदी की खिलाफत का जो एक मात्र एजेंडा अपनाया है, वो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए अनुकूल और बड़ी खुशी की बात है। 2019 के चुनावों में जनता के सामने दो ही विकल्प हैं या तो पीएम मोदी की वापसी या देश में अराजकता और अस्थिरता का साया।
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जेटली ने कहा है कि उम्मीद व अपेक्षा के साथ अच्छे भविष्य के निर्माण की राह पर चल रहा भारतीय समाज सामूहिक आत्महत्या करने की गलती नहीं करेगा। उन्होंने कहा है कि एक तरफ पीएम मोदी अकेले खड़े हैं और दूसरी ओर बेमेल गठबंधन जिसकी अकाल मृत्यु तय है। जेटली ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी पर सत्ता विरोधी रूझान की बात का सवाल ही नहीं उठता है, देश की जनता मोदी सरकार के कामकाज से नाखुश नहीं है, बल्कि लोग उनके कामकाज से संतुष्ट हैं और देश में आज भी मोदी की लोकप्रियता बहुत अधिक है।
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