नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस समय न्यूयॉर्क में अपना उपचार करवा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बजट के लेकर कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. जेटली ने सवालिया लहजे में पूछा है कि यूपीए ने 10 वर्ष तक सत्ता में रहने पर क्या काम किया? एक बार किसानों की 70 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी का ऐलान किया, लेकिन मात्र 52 हजार करोड़ रुपये माफ किए और कैग रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है कि शेष रकम व्यापारियों को प्रदान की गई है, किसानों को नहीं.
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यह पूछे जाने पर कि विपक्ष इस बजट को 'चुनावी बजट' बता रहा है, इस पर जेटली ने कहा है कि, "2014 में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कई उत्पादों पर शुल्क में छूट प्रदान की थी. वहीं तर्क आज दिया जा सकता है. बजट संसदीय लोकतंत्र का चुनाव की तरह एक अनिवार्य अंग है." जेटली ने छोटे किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये देने के ऐलान पर विपक्ष द्वारा आलोचना किए जाने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि, "कृपया किसानों के लिए आज घड़ियाली आंसू न बहाएं. विपक्ष भी इसी तरह की योजना का ऐलान कर सकते हैं. मुझे पूरी आशा है कि अन्य सरकारें भी इस पर विचार करेंगी."
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जेटली ने कहा है कि, "अब देखिए कि हम क्या कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र की 91 प्रतिशत सड़कें बनकर तैयार हो गई हैं, 2020 तक हर किसी को घर भी मिल जाएगा. गांव के 98.7% लोगों के पास शौचालय है, हर घर में हमने बिजली पहुंचाई है."
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