नई दिल्ली: दिल्ली की बॉर्डर्स पर बीते चार महीनों से किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक वे लोग दिल्ली बॉर्डर से नहीं हटेंगे। इस बीच किसानों ने हरियाणा के जींद में महापंचायत का आयोजन किया था। जिसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे, जहां उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही केंद्र से नए कानूनों को रद्द करने की मांग की।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 300 कृषकों ने बलिदान दिया, हम उनको नमन करते हैं। ये हमारी जिम्मेदारी है कि उनका बलिदान व्यर्थ ना जाए। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल में बदल दिया और उसमें किसानों को बंद करने की साजिश रची, किन्तु हम भाग्यशाली थे। स्टेडियम को जेल में बदलने की शक्तियां हमारे पास थीं, जिस कारण केंद्र सरकार सफल नहीं हो पाई। केंद्र ने मुझे एक फाइल भेजी और ये कहते हुए मुझ पर दबाव बनाना आरंभ कर दिया कि कानून और व्यवस्था का मुद्दा होगा।
सीएम केजरीवाल ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि केंद्र ने मुझसे सत्ता को छीन लेने की धमकी दी है, किन्तु मैंने उनकी बात नहीं सुनी और फाइल को नामंजूर कर दिया। बाद में केंद्र सरकार ने मेरी सरकार को दंडित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है। किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए हमें विरोध झेलना पड़ा। वे निर्वाचित सरकार के बजाए बिल पास करके उपराज्यपाल के हाथों में सत्ता सौंपकर हमें दंडित कर रहे हैं।
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