नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आज देश में 'रेवड़ी कल्चर' (Freebies) पर हमला किए जाने के बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है। केजरीवाल ने कहा कि देश के बच्चों को मुफ्त और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ्त उपचार करवाना - इसे मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं कहा जाता। यह पुण्य का काम है और इसे देश की नींव रखना कहते हैं।
दरअसल, पीएम मोदी ने आज शनिवार को उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने के बाद किसी दल या नेता का नाम लिए बिना 'रेवड़ी कल्चर' (मुफ्त में सुविधाएं मुहैया कराने वाली सियासत) की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह 'रेवड़ी कल्चर' देश के विकास के लिए बहुत खतरनाक है। जिसके बाद केजरीवाल ने फ़ौरन प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि अपने देश के बच्चों को निःशुल्क और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ्त उपचार करवाने को मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं कहते। हम एक विकसित और गौरवशाली देश की नींव रख रहे हैं। ये कार्य 75 वर्ष पूर्व ही हो जाना चाहिए था।
केजरीवाल ने आगे कहा कि मुझ पर मुफ्त में देने का इल्जाम लगाया गया है, किन्तु क्या गरीब और वंचित छात्रों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना गलत है? दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। बीते कुछ वर्षों में करीब 4 लाख छात्रों ने सरकारी स्कूलों के लिए प्राइवेट स्कूलों को छोड़ दिया। पूरे देश में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क था, वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति थी। 18 लाख बच्चों का भविष्य तबाह था। आज हमने अगर इन बच्चों का भविष्य ठीक किया तो मैं क्या अपराध कर रहा हूं?
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