नई दिल्ली. अरविन्द केजरीवाल ने जैसे मीडिया की नजर में आए छ गए. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है उनके एक सामाजिक कार्यकर्ता से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने तक के सफर पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द राइज ऑफ केजरीवाल' पर संकट के बादल छा गए हैं.
जी हा इस बारे में बता दे कि फिल्म निर्माताओं ने दावा किया है सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्म से भाजपा और कांग्रेस के जिक्र को हटाने को कहा है. इस फिल्म के डायरेक्टर खुशबू रंका और विनय शुक्ला ने इस फिल्म में केजरीवाल के प्रगति, उत्थान और आम आदमी पार्टी के नींव कैसे बनाई गई इसकी जानकारी दी है.
इस फिल्म के बारे खुशबू ने बताया कि हमारी फिल्म में दिखाया गया है कि एक बाहरी कैसे राजनीति में कदम रखता है. इसलिए हम इस फिल्म के लिए किसी तरह की मुसीबत की उम्मीद नहीं कर रहे थे. इस मामले में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इन आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि उनसे सिर्फ सामान्य प्रक्रिया को अपनाने को कहा गया है.
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