मुंबई: देवेंद्र फडणवीस ने 7 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में एक भव्य समारोह में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने फडणवीस को बधाई दी और कहा कि उन्हें यह अवसर 2019 में मिलना चाहिए था, लेकिन कुछ घटनाओं की वजह से वह चूक गए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब महाराष्ट्र की जनता के दिए गए बहुमत का सही इस्तेमाल फडणवीस राज्य के विकास के लिए करेंगे।
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अगले पांच साल में सरकार की हर अच्छी पहल का समर्थन करेगी, लेकिन यदि सरकार कोई गलत निर्णय लेती है, तो पार्टी उसे विधायिका के बाहर जरूर सचेत करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को शुभकामनाएं दीं।
शपथ ग्रहण के बाद, फडणवीस, शिंदे और पवार राज्य सचिवालय मंत्रालय पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री ने अपनी पहली मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि उनकी सरकार पारदर्शिता के साथ काम करेगी। फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बदले की राजनीति में विश्वास नहीं रखेगी। उन्होंने राज्य की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया और शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे वरिष्ठ नेताओं को शपथ समारोह में बुलाया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए।
इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र आयोजित करने की सिफारिश की, ताकि नए विधायकों को शपथ दिलाई जा सके और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो सके। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे फडणवीस मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार बने। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन के पास कुल 230 सीटें हैं।