जम्मू: जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद को आतंकी फंडिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट से 2 अक्टूबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी जा चुकी है। उन्हें यह जमानत जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए दी गई है। हालांकि उन्होंने तीन महीने की जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल केवल 2 अक्टूबर तक के लिए जमानत दी है। उनकी नियमित जमानत की याचिका पर फैसला अभी भी बचा हुआ है।
जेल से बाहर आने के बाद राशिद का बयान: जेल से बाहर आने के बाद इंजीनियर राशिद, जो कि शेख अब्दुल राशिद के नाम से भी मशहूर हैं, उन्होंने इस बारें में बोला है कि वह अपने लोगों को निराश नहीं करेंगे। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि, "मैं पीएम मोदी के 'नया कश्मीर' के नैरेटिव से लड़ने का वादा करता हूँ, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर में असफल हो चुका है। 5 अगस्त 2019 को जो हुआ, उसे जनता ने नकार दिया है। मैं अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करता रहूंगा।" साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "डरो मत और डराओ मत।"
उमर अब्दुल्ला पर निशाना: राशिद ने अपनी लड़ाई को उमर अब्दुल्ला से बड़ी बताया और बोला, "उनकी लड़ाई कुर्सी के लिए है, जबकि मेरी लड़ाई जनता के हक के लिए है। मेरे लिए सबसे बड़ा मुद्दा कश्मीर का मुद्दा है। मैं भाजपा का शिकार हूँ और अपनी आखिरी सांस तक मोदी की विचारधारा से लड़ता रहूंगा।"
महबूबा मुफ्ती का तंज: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी राशिद पर निशाना साधते हुए कहा कि जेल में बंद व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है जबकि गरीब लोगों को अपने रिश्तेदारों से मिलने तक की अनुमति नहीं मिलती। उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को चुनाव लड़ने, पार्टी बनाने, गाड़ियां और सुरक्षा तक मुहैया कराई जा रही हैं, जबकि दूसरे लोग जिनके रिश्तेदार जेल में हैं, उन्हें उनसे मिलने तक का मौका नहीं दिया जाता।"
उमर अब्दुल्ला ने भी राशिद की जमानत पर तंज कसते हुए उन्हें बीजेपी का सहयोगी बताया। उन्होंने बोला है कि, "इंजीनियर राशिद को जमानत सिर्फ चुनाव में वोट लेने के लिए मिली है, न कि जनता की सेवा करने के लिए।" अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि चुनाव के बाद राशिद को वापस जेल भेज दिया जाएगा और उत्तरी कश्मीर फिर से प्रतिनिधि विहीन हो जाएगा।
2019 से जेल में हैं राशिद: इंजीनियर राशिद 2019 से जेल में हैं। उन्हें एनआईए ने 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने आतंकी समूहों और अलगाववादियों को फंडिंग में मदद की थी। इसके साथ ही, राशिद ने 2019 में जेल में रहते हुए लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराकर बारामूला से सांसद का चुनाव जीता था।
अपने बालों और चेहरे को आप भी बनाना चाहती है चमकदार तो अपनाएं ये टिप्स
केजरीवाल को कोर्ट से झटका, AAP नेता दुर्गेश पाठक को मिली राहत
AAP ने जारी की चौथी लिस्ट, जानिए किन्हें, कहां से बनाया उम्मीदवार?