गुवाहाटी: फिल्मनिर्माता लीना मणिकेलाई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली के पोस्टर पर विवाद के बीच असम में एक लड़के लड़की को शिव-पार्वती का भेष रखकर विवाद करना भारी पड़ गया। हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। तत्पश्चात, शिव बने शख्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
हालांकि दोनों का दावा है कि वे कलाकार हैं तथा उन्होंने आम आदमी के मुद्दों की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए ये क्रिएटिव नाटक किया था। हुआ कुछ यूं कि शनिवार प्रातः तकरीबन 8:30 बजे ‘भगवान शिव’ असम के नागांव शहर की सड़कों पर ‘देवी पार्वती’ के साथ रॉयल एनफील्ड बुलेट पर प्रकट हुए। दोनों लड़के लड़की शिव-पार्वती का भेष बनाकर बुलेट की सवारी कर रहे थे। अचानक उनकी बुलेट में पेट्रोल समाप्त हो गया। इसे लेकर पार्वती बनी महिला नाराज हो गई। उसने बहस आरम्भ कर दी। शिव बने शख्स ने भी जवाब दिया। दोनों के बीच ये विवाद पेट्रोल से आगे बढ़कर देश में महंगाई एवं आम आदमी की समस्याओं तक पहुंच गया। शिव-पार्वती के भेष में इस प्रकार बीच बाजार विवाद करते दोनों को देखकर मामला गरमा गया। खबर हिंदू संगठनों तक पहुंची। उन्होंने देवी देवताओं के अपमान का इल्जाम लगाया। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल आदि ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। मामला गरमाता देख पुलिस ने शिव बने शख्स को गिरफ्त में ले लिया।
दूसरी तरफ शिव बने शख्स ने बताया कि वह एक्टर है तथा उनका नाम ब्रिनिचा बोरा है। जो महिला पार्वती बनी थी, उनका नाम परिस्मिता दास है। उन्होंने दावा किया कि ‘रचनात्मक विरोध’ करके आमजन का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने ये नाटक किया था। ब्रिनिचा बोरा ने कहा कि बहुत से लोग अपनी दिक्कतों एवं चिंताओं को दूर करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं। इसीलिए हम दोनों ने शिव पार्वती का भेष धरकर इस नाटक के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया था। वही अब पुलिस द्वारा मामले की जाँच की जा रही है।
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