लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित विवादित जामा मस्जिद में 22 नवम्बर 2024 को जुमे की नमाज के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस मस्जिद में सामान्यतः 500-600 लोग जुमे की नमाज अदा करते थे, लेकिन इस बार 4000 से अधिक नमाजी पहुंचे, जिनमें से 2000 लोग मस्जिद के अंदर गए, जबकि बाकी को बाहर रोकना पड़ा। यह भीड़ सोशल मीडिया पर फैले एक संदेश के कारण जुटी, जिसमें मुस्लिम समुदाय से अपील की गई थी कि वे जुमे की नमाज के लिए जामा मस्जिद पहुंचें।
हिन्दू समुदाय ने इस मस्जिद को लेकर दावा किया है कि यह मस्जिद, श्री हरि हर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। हिन्दू पक्ष का कहना है कि बाबर के समय इस मंदिर को उसके एक सैन्य अधिकारी ने नष्ट किया था और इसके बाद यहाँ मस्जिद का निर्माण हुआ। इस दावे को साबित करने के लिए हिन्दू पक्ष ने बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी और अंग्रेज अफसर कनिंघम के रिकॉर्ड प्रस्तुत किए हैं। प्रशासन ने इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मस्जिद के आस-पास भारी पुलिस बल तैनात किया और मस्जिद की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड्स लगवाए।
कई स्कूलों में छुट्टी जल्दी कर दी गई और दुकानों को भी बंद कर दिया गया। मस्जिद के प्रबंधन ने स्थिति को देखते हुए ऐलान किया कि ज्यादा लोग मस्जिद में प्रवेश न करें और अन्य मस्जिदों में नमाज अदा करें। यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब 19 नवम्बर 2024 को हिन्दू पक्षकारों की याचिका पर कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया था।
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