अलीगढ़ : एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को सलाह दी की उन्हें तमिलनाडु की जनता से सीख लेनी चाहिए। जलीकट्टू पर विरोध प्रदर्शनों के लिए लाखो लोग निकले हैं तो बात दिल्ली तक पहुच गई और सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चलने के बावजूद, वहां कानून बदल गया। तो मुस्लिमों को भी अपने सम्मान की रक्षा करने के लिए शक्ति प्रदर्शन करना चाहिए। ओवैसी ने यह भी कहा कि अपने हक के लिए मुसलमानों को लड़ना चाहिए। जलीकट्टू मुद्दे की तुलना एआईएमआईएम के चीफ ने ट्रिपल तलाक से की। उनका कहना था कि जब उनसे लोग ट्रिपल तलाक की बात करते हैं और कहते हैं कि मसला सुप्रीम कोर्ट में है तो मैं कहता हूं कि जलीकट्टू का क्या हाल है।
ओवैसी का मानना है कि मुसलमानों ने 65 साल तक दूसरों पर भरोसा किया। अब उन्हें खुद को मौका देना चाहिए और अपने समर्थकों से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को बचाने के लिए संघर्ष करने को कहा। शेख मोहम्मद बिन जायेद की अगुवानी की बात छेड़ते हुए ओवैसी ने PM मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक इस्लामिक देश के नाम का झुककर स्वागत करते हैं तो फिर अपने मुल्क में दाढ़ीवालों से इतनी नफरत क्यों करते हैं।
ओवैसी ने कहा कि लोग मुसलमानों को निकाह और तलाक पर नसीहत दे रहे हैं, लेकिन ये परंपराएं हजारों साल से चलती आ रही हैं और तमिलनाडु के लोगों की तरह मुस्लिम अपनी विरासत की हिफाजत करेंगे। उन्होंने मोदी और अखिलेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'दोनों छोटे मियां, बड़े मियां' की तरह है ये विकास की बात करते हैं लेकिन दोनों के राज में विनाश हुआ है।
बरसों पहले न बना होता ताजमहल, तो इसका भी लाभ ले लेते पीएम मोदी