हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का समर्थन करते हुए कहा है कि यदि कुछ लोगों की गलत गतिविधि के कारण संगठन को बैन किया जाता है, तो यह खतरनाक है। यही नहीं ओवैसी ने इस फैसले को तानाशाही करार दिया है। उन्होंने कहा, कट्टरपंथी सोच का हम शुरू से विरोध करते आए हैं, मगर इस तरह का प्रतिबंध बिल्कुल गलत है।
हालांकि, यदि PFI की गतिविधियों और उसकी साजिशों के बारे में जानने के बाद भी यदि ओवैसी उस संगठन पर लगाए गए बैन का विरोध कर रहे हैं, तो ये भी देश के लिए चिंता की बात है। क्योंकि जो संगठन, पूरे देश में इस्लामी राष्ट्र स्थापित करने, मूर्तिपूजकों (हिन्दुओं) की हत्या करने, कायर हिन्दुओं को सबक सिखाने, हिंसा के जरिए सत्ता पर कब्जा करने, हिन्दू समाज में फूट डालने, जैसे मंसूबे पाले साजिशें रच रहा हो, उसका समर्थन कर ओवैसी भी देश हित की बात नहीं कर रहे हैं। इससे यही सन्देश जा रहा है, जैसे ओवैसी भी PFI के भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने और हिन्दुओं की हत्या करने की साजिश के समर्थक हैं।
सरकार ने बताए PFI के काले कारनामे:-
बता दें कि, सरकार ने PFI पर बैन लगाने एक बाद इस कट्टरपंथी संगठन के काले कारनामों के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि यह आतंकी मामलों में सामिल रहा है और देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है और बाहरी स्रोतों से फंड प्राप्त करके देश की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहा है। इसके अलावा यह भी पात चला है कि PFI हिंसक और विध्वंसक कार्यों में शामिल है। केरल में एक क्रिस्चियन कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की नृशंस हत्याएं करना, अन्य धर्मों के प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सबूत मिले हैं।
सरकार ने बताया है कि कई लोगों की हत्या में भी PFI का हाथ रहा है। तमिनलनाडु के वी रामलिंगम, केरल के नंदू, कर्नाटक के आर रूद्रेश, प्रवीण पुजारी, तमिलनाडु के शशि कुमार और प्रवीण नेतारू हत्याकांड के पीछे भी PFI ही था। इसके अलावा PFI के सदस्य सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान जाकर आतंकवादी संगठनों में भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा PFI हवाला और डोनेशन के माध्यम से भारत में कट्टरपंथ फैलाने के लिए धन जुटा रहा है।
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