गुवाहाटी। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स (NRC) की नई सूची जारी होने के बाद से ही इस मामले को लेकर पूरे देश की सियासत गरमा रही है। एक तरफ बीजेपी और कुछ पार्टियां इसका समर्थन कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस और कई अन्य पार्टियां इसका सख्त विरोध कर रही है। अब हाल ही में असम राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भी इसका विरोध करते कहा है कि इसमें कई खामियां है।
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एएनआई न्यूज़ एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में तरुण गोगोई ने कहा कि एनआरसी के प्रारूप में बहुत सारी गलतियां है और जिन चालीस लाख लोगों को इस सूची से बहार किया गया है उनमे से एक बहुत बड़ा समूह वास्तविक भारतीय नागरिकों और स्वदेशी लोगों का है। तरुण गोगोई का कहना है कि वैध और अवैध नागरिकों की पहचान करने के लिए वोटर आईडी यानी मतदाता कार्ड एक प्रासंगिक दस्तावेज़ हो सकता है। गोगोई के अनुसार मतदाता कार्ड किसी भी भारतीय की नागरिकता का अच्छा सबूत हो सकता है क्योंकि केवल भारतीय नागरिकों को ही मतदाता सूची में शामिल किया जाता है।
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गौरतलब है कि असम में एनआरसी ने अपनी पिछली सूची 30 जुलाई को पेश की थी जिसमे असम के 40 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था। इसमें असम के 3.29 करोड़ लोगो में से सिर्फ 2.89 करोड़ लोगो को ही वैध नागरिक माना गया था। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि यह आखरी सूची नहीं है और जल्द ही सूची को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपडेट किया जाएगा।
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