नईदिल्ली। किशोरी के साथ यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू को लेकर जानकारी सामने आई है कि आसाराम की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई जमानत याचिका और नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। दरअसल आसाराम की ओर से मेडिकल आधार पर जमानत याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम अपने ट्रायल पर परेशानी खड़ी कर रहे हैं।
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आसाराम बापू की नियमित जमानत याचिका को नकार दिया। और कहा कि इस प्रकरण की सुनवाई को जानबूझकर प्रभावित किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार आसाराम बापू के विरूद्ध न्यायालय ने राजस्थान सरकार को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में काल्पनिक पत्र को दायर करना एक अपराध है और इसे गंभीरता से लेना जरूरी है।
न्यायालय ने इस मामले में एफआईआर दायर कर जांच पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय में 8 नवंबर को जोधपुर की केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेंट का पत्र दायर किया गया था। इस पत्र में लिखा गया था कि आसाराम का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया था कि पत्र असली नहीं है। सरकार ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आसाराम को जमानत नहीं दी जा सकती है। सरकार का कहना था कि आसाराम को जब चिकित्सकीय जांच के लिए उपचार हेतु भेजा गया था तब आसाराम ने स्वयं ही जांच करवाने से इन्कार कर दिया था।
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आसाराम को फिर झटका, नहीं मिली जमानत