राजस्थान : नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले एससी-एसटी कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मधुसुदन शर्मा का स्थानांतर हो गया है. अब वे जयपुर में कानून विभाग के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी निभाएंगे.
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब 5 साल से न्यायिक हिरासत में जेल में रह रहे दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिए गए आसाराम को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर की सेंट्रल जेल में बने अस्थाई कोर्ट में ताउम्र कारावास की सज़ा सुनाई थी.
गौरतलब है कि 15 अगस्त 2013 की रात को राजस्थान के जोधपुर स्थित मणाई आश्रम में आसाराम ने पीड़िता नाबालिग के साथ यौन शोषण किया था. इसकी शिकायत पीड़िता द्वारा अपने परिजनों के साथ 20 अगस्त को दिल्ली के कमला नेहरू बाजार थाने में दर्ज कराई गई थी.आसाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ था.इसके बाद पुलिस ने 31 अगस्त की रात को इंदौर स्थित आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था.इस मामले में आसाराम को निचली अदालत से लेकर उच्चतम न्यायालय तक कहीं से भी जमानत नहीं मिली. तब से आसाराम जेल में ही रहा. अब फैसले के बाद उसे आजीवन जेल में ही रहना होगा.
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