इंदौर। मंगलवार को आशा उषा सहयोगी एकता यूनियन मध्य प्रदेश सीटू द्वारा इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के बाहर 19 से 23 दिसंबर तक धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, और मांगे नहीं माने जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है, वही इस हड़ताल के कारण शहर के अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की सम्भावना है।
दरअसल लंबे समय से आशा उषा सहयोगी द्वारा अपनी जायज मांगो को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार केवल आश्वासन दे रही है। लेकिन इस बार आशा महिला कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग रखी कि हर महीने जो वाउचर में कटौती की जा रही है उसे बंद किया जाए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि कोविड-19 में सभी आशा योगियों ने काम किया है लेकिन इसके बाद वैक्सीनेशन का वेतन भी काट लिया गया। आशा महिला कार्यकर्ताओं कहना है कि पिछले महीने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कई योजनाओं पर काम किया था लेकिन उसका भी भुगतान आज तक नहीं किया गया है जबकि कलेक्टर द्वारा सभी आशा कार्यकर्ताओं को 100 रूपए पर डे के हिसाब से देने का कहा गया है। लेकिन वह भी आज तक नहीं मिला है। सभी मांगों से नाराज सैकड़ों आशा उषा सहयोगी द्वारा आज स्वास्थ विभाग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई है।
आशा महिला कार्यकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन धरना और हड़ताल के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी लेकिन अभी तक उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इन्हीं सब मांगों को लेकर शहर की सैकड़ों आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं ने सीटू के नेतृत्व में एक बार फिर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
विधानसभा में कांग्रेस ने पेश किया अविश्वास प्रस्तावखुदकी अपहरण की शाजिश रचकर पुलिस को कर दिया गुमराह
7 साल बाद कोर्ट का आया आदेश, 28 शिकारियों को 5 साल की कैद, बाघ का किया था शिकार
मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव से पहले साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट से मिली बड़ी राहत