80 के दशक में अपने करियर की शुरुआत करने वाले प्रतिभाशाली अभिनेता आशिफ शेख का मनोरंजन उद्योग में सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। शाहरुख खान और सलमान खान से पहले अपने करियर की शुरुआत करने के बावजूद, उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें फिल्मों से दूर होना पड़ा। हालांकि, उन्होंने टेलीविजन पर सफल वापसी की और अब विभूति नारायण मिश्रा के रूप में घर-घर में मशहूर हो गए हैं।
11 नवंबर 1964 को दिल्ली में जन्मे आशिफ वाराणसी के एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में पले-बढ़े। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली के खालसा कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक किया। आशिफ ने शुरू में होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया, लेकिन थिएटर में शामिल होने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। 1989 में उन्होंने जावेदा शेख से शादी की, जिनसे उनका एक बेटा और एक बेटी है।
थिएटर में अपने शुरुआती करियर के बाद आशिफ टेलीविजन की ओर बढ़े, जहां उन्हें 1989 में धारावाहिक "हम लोग" में भूमिका मिली। उन्होंने 10-12 फिल्में साइन कीं, लेकिन उनके करियर में रुकावटें आईं। शुरुआती दिनों में सलमान और शाहरुख से आगे होने के बावजूद उन्हें फिल्मों में काम पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। आशिफ ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें एक बार सलमान की फिल्म "बीवी हो तो ऐसी" में भूमिका की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्हें नोटिस नहीं किया गया। एक समय ऐसा आया जब उनके पास नौ फिल्में थीं, जबकि सलमान के पास केवल दो या तीन फिल्में थीं।
आशिफ की फिल्मों में वापसी 1994 में फिल्म "करण अर्जुन" से हुई, जिसमें उन्होंने खलनायक के बेटे की भूमिका निभाई। उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और अच्छा प्रदर्शन किया, जिसके कारण उन्हें "बनारसी बाबू", "हसीना मान जाएगी", "कुंवारा" और "जोड़ी नंबर 1" जैसी फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएँ मिलीं। हालाँकि, लंबे शूटिंग शेड्यूल और अपने दृश्यों के अत्यधिक संपादन के कारण उनका फिल्म उद्योग से मोहभंग हो गया।
आशिफ ने अंततः अपना ध्यान टेलीविज़न पर केंद्रित कर लिया, जहाँ उन्हें 1999 में "ये चंदा कानून है" शो से सफलता मिली। वह "मिली", "दिल मिल गए" और "भाबी जी घर पर हैं" जैसे विभिन्न टीवी धारावाहिकों में दिखाई दिए, जो 2015 से सफलतापूर्वक चल रहे हैं। आशिफ ने हाल के वर्षों में "जुड़वा 2" और "भारत" जैसी फिल्मों में भी काम किया है।
आज आशिफ शेख "भाबी जी घर पर हैं" में विभूति नारायण मिश्रा की भूमिका निभाकर घर-घर में मशहूर हो चुके हैं। उनका सफर हमें याद दिलाता है कि सफलता और असफलता मनोरंजन उद्योग का हिस्सा है और कभी-कभी स्टारडम हासिल करने के लिए बस दूसरी पारी की जरूरत होती है।
दिन में 1 वड़ा पाव खाकर किया था गुजारा वो अपने सांवले रंग की वजह से हो गई थी रिजेक्ट
पति प्रिंस नरूला संग घूमने निकली युविका चौधरी दिखाया अपना बेबी बंप
दृष्टि धामी के बेबी बंप को लोगों ने बताया नकली तो एक्ट्रेस ने इस तरह दिया जवाब