महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर अशोक गहलोत ने कह डाली ये बात

महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर अशोक गहलोत ने कह डाली ये बात
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प्रयागराज: बीती रात महाकुंभ में भगदड़ मचने की वजह से हादसा हो गया, लेकिन इस दर्दनाक हादसे में 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. लेकिन जख्मियों का आंकड़ा कितना है इस बारें में अब भी कुछ नहीं कहा जा सकता, ऐसे में प्रशासन पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे है और कई लोग इस हादसे की खबर सुन दुःख जाता रहे है. 

हादसे पर अशोक गहलोत ने कह डाली ये बात: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हादसे के बारें में पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि - ''प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भगदड़ से 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु एवं कई श्रद्धालुओं के घायल होने का समाचार बेहद कष्ट देने वाला है।  अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने लिखा है कि ''मैं ईश्वर से दिवंगतजनों को श्रीचरणों में स्थान एवं घायलों को जल्द स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं।''

कांग्रेस ने घटना को बताया बहुत ही पीड़ादायक: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने महाकुंभ में हुए दुर्घटना को लेकर एक बयान भी जारी कर दिया है। कांग्रेस ने इस बारें में बोला है कि ''महाकुंभ में हुए हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान जाने की खबर बहुत ही पीड़ादायक है। इस दुख की घड़ी में ईश्वर शोकाकुल परिवारों को संबल प्रदान करें व जख्मियों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना होगा। कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ ही है। गवर्नमेंट जख्मी श्रद्धालुओं का उचित और बेहतर उपचार करवाएं। मृतकों का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपकर, उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाने वाली है। महाकुंभ की व्यवस्था बेहतर की जाए, जिससे आगे कभी ऐसे दुर्घटना न हों। श्रद्धालुओं के सुलभ और सुरक्षित स्नान का प्रबंध हो। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे पीड़ितों को हर संभव सहायता करने का प्रयास करें।

दुर्घटना के पश्चात शासन-प्रशासन और मीडिया का भी दिखाई दिया रुख: मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि दुर्घटना के पश्चात शासन-प्रशासन, मीडिया और मेला प्रशासन मृतकों की वास्तविक आंकड़ा बताने और जख्मियों का उचित उपचार करवाने के बजाए महाकुंभ में भारी आंकड़े में आने वालों के बखान में ही लगा हुआ है। प्रशासन और मीडिया का दावा है कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक तकरीबन 15 करोड़ लोग गंगा में भी डुबकी लगा चुके है। आज यानी बुधवार को मौनी अमावस्या पर ही 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान बह लगाया जा रहा है। लेकिन रात में ही अनुमान से अधिक लोग पहुंच चुके है। इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी मेला प्रशासन और यूपी गवर्नमेंट की लापरवाही को नहीं कहा जा रहा है।

हादसे को लेकर किया जा रहा है अलग तरीके का दावा: मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि शासन-प्रशासन ने इस बारें में बोला है कि आज यानी मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होने वाला था, लेकिन एक दिन पूर्व ही प्रयागराज में अनुमान से अधिक भीड़ पहुंची। आंकड़ों की मानें तो बीते मंगलवार को ही तकरीबन 5 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंचे थे।

वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बोला है कि पुलिसवालों ने शाही स्नान की तैयारी करने के लिए संगम पर लेटे लोगों को तुरंत ही उठाने का काम शुरू कर दिया, इससे भगदड़ की अफवाह फैली और दुर्घटा भी हुई तो किसी ने कहा है कि भीड़ बहुत अधिक थी तो कुछ लोगों का दम घुटने लगा और वे बेहोश होने लग गए थे, इस कारण से भगदड़ के आसार बन गए। किसी ने यह भी बोला है कि लोगों को संगम तट पर जाने से रोकने का भी काम किया जा रहा है, उन्हें दूसरे तटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा था, लेकिन भीड़ संगम पर ही स्नान के लिए ही अड़े हुए थे। ऐसे में बैरियर टूटा और भगदड़ का माहौल पैदा हो गया। प्रशासनिक अधिकारी का बयान भी भी था। कुंभ मेला की OSD आकांक्षा राणा ने इस बारें में बोला है कि संगम नोज पर भीड़ के कारण बैरियर टूटने  के पश्चात भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई।

 

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