राज्य में बीते लगभग एक माह से चल रही जोरदार राजनीतिक उठापटक के पश्चात अब कल से विधानसभा का सत्र प्रारंभ होगा. राजनीति संग्राम के पश्चात हो रहे इस विधानसभा सत्र के बहुत हंगामेदार होने की आसार है. विधानसभा सत्र को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर आसार जताई है कि लॉकडाउन के बाद में राज्य में आर्थिक रूप से जो स्थिति बनी है, उसे लेकर खुलकर मंत्रणा कर सकेंगे.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार को ट्वीट में बताया कि, '14 अगस्त को विधानसभा प्रारंभ हो रही है. मुझे आशा है इस दौरान राज्य में कोरोना की स्थिति, लॉकडाउन के बाद में आर्थिक रूप से जो स्थिति बनी है उसे लेकर खुलकर मंत्रणा कर सकेंगे. मुझे भरोसा है सुशासन देने में पक्ष-विपक्ष सभी का सहयोग मिलेगा, राज्य की जनता में नया कॉन्फिडेंस पैदा होगा'.
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राजनीतिक संग्राम के समय में इस विधानसभा सत्र को बुलाने के मामले को लेकर प्रदेश सरकार और राजभवन के मध्य काफी टकराव हुआ था. विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राजभवन के बीच फाइलों के आने-जाने का लंबा दौर चला था. पहले राजभवन ने कोरोना काल और अन्य नियमों का हवाला देते हुए विधानसभा सत्र बुलाने की सरकार की फाइल तीन बार वापस लौटा दी थी. राज्यपाल ने सरकार से कुछ सवालों के जवाब मांगे थे. उसके बाद कुछ शर्तों के साथ सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी. विधानसभा सत्र बुलाने के लिए सत्ता पक्ष के विधायकों ने राजभवन में धरना-प्रदर्शन भी किया था.लेकिन तमाम विरोधाभासों के बाद अब कल से विधानसभा का सत्र शुरू होगा. इस सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस रखी है. कांग्रेस और भाजपा सत्र की तैयारियों को लेकर आज मीटिंग कर अपनी-अपनी योजना बनायेंगे. इस सत्र में सरकार को फ्लोर जांच से भी गुजरना पड़ सकता है. हालांकि यह अभी तक तय नहीं है, किन्तु इसकी आसार जताई जा रही है.
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