जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट एक बार फिर राजस्थान के CM अशोक गहलोत पर हमलावर हो गए हैं। पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत पर भाजपा नेताओं के साथ मिलीभगत करने और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बचाने का इल्जाम लगाया है। इसके साथ ही पायलट ने गहलोत के खिलाफ एक दिन का अनशन रखने का ऐलान भी किया है।
पायलट ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई नहीं करने को लेकर वह जयपुर में 11 अप्रैल को एक दिन का अनशन रखेंगे। यह अनशन समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पर जयपुर के शहीद स्मारक पर किया जाएगा। पायलट ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में जो भी घोटाले हुए उसे गहलोत सरकार ने दबा दिया। पायलट ने कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जो कहती है, वह करके दिखाती है। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में आई थी, तो भ्रष्टाचार को लेकर कई बड़ी-बड़ी बातें कही गई थी, मगर उन पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।
सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि सूबे में जब वसुंधरा राजे की अगुवाई में भाजपा की सरकार थी, तो कई भ्रष्टाचार हुए थे। इसको लेकर अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जन-जन तक अपनी बात पहुँचाई थी। उस दौरान कांग्रेस ने चुनाव के समय वादा किया था कि पार्टी की सरकार बनती है, तो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसका यह नतीजा हुआ कि 2018 में वसुंधरा की सरकार चली गई। पायलट ने कहा कि सवा साल पहले उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत को चिट्ठी लिखी थी और वादों के मुताबिक, भ्रष्टाचारियों पर एक्शन लेने की बात कही। पायलट ने कहा कि उस पत्र में उन्होंने कहा था कि साढ़े तीन साल गुजर गए, मगर खान माफिया, भूमाफिया, शराब माफिया, ललित मोदी समेत किसी भी भ्रष्टाचारी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि उनकी चिट्ठी का कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि यह पत्र उन्होंने पार्टी को भी लिखा था, मगर पार्टी की तरफ से भी कोई जवाब नहीं आया। अब 6-7 महीने शेष हैं, उसके बाद जनता के बीच जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा इससे (चुनाव से) पहले कुछ कार्रवाई हो जानी चाहिए। पायलट ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार CBI और ED का गलत इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस के लीडरशिप को टारगेट कर रही है। पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि 45,000 करोड़ रुपए का खान घोटाला होने के बाद भी गहलोत सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है, क्योंकि उनकी सांठगांठ है।
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