पटना: बिहार की राजधानी पटना से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक सहायक दरोगा (ASI) अजीत सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका शव गांधी मैदान थाना क्षेत्र के ट्रैफिक संचालन कार्यालय के एकता भवन के बैरक में पाया गया। इस घटना ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया, जबकि मृतक के परिवार वाले गहरे सदमे में हैं और रो-रोकर बेहाल हैं।
ASI अजीत सिंह का शव शनिवार सुबह बैरक में मिला। वे आरा जिले के बड़कागांव के रहने वाले थे। शुरुआती जांच के मुताबिक, उन्होंने अपने सिर में गोली मारकर खुदकुशी की। घटनास्थल से पुलिस को उनकी सर्विस पिस्टल और एक गोली का खोखा बरामद हुआ। सूचना मिलने पर गांधी मैदान थाने की पुलिस और पटना सेंट्रल एसपी सिटी स्वीटी सहरावत मौके पर पहुंचीं। एफएसएल की टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। सेंट्रल एसपी ने बताया कि पुलिस को इस घटना की सूचना सुबह चार से पांच बजे के बीच मिली। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन अभी कारण स्पष्ट नहीं हैं। एसपी ने यह भी बताया कि फिलहाल यह जानकारी नहीं मिली है कि अजीत सिंह किसी दबाव में थे।
मृतक के पिता, विनोद सिंह, ने अपने बेटे की आत्महत्या की बात को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अजीत पिछले एक महीने से घर नहीं आए थे और छुट्टी को लेकर परेशान थे। दीपावली और छठ पूजा पर घर आने की बात करने पर अजीत ने छुट्टी न मिलने की समस्या बताई थी। विनोद सिंह ने दावा किया कि उनका बेटा ऐसा व्यक्ति नहीं था जो आत्महत्या जैसा कदम उठाता। मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि उन्हें सुबह करीब साढ़े चार बजे कॉल आई कि अजीत सिंह ने गोली चला दी है। उन्होंने यह भी बताया कि अजीत का हाल ही में प्रमोशन हुआ था, लेकिन उन्हें थाने में पोस्टिंग नहीं मिल रही थी, जिससे वे मानसिक तनाव में थे। उन्होंने यह भी कहा कि अजीत सिंह को उनकी सेवाओं के लिए तीन बार सम्मानित किया जा चुका था।
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