वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित रिपोर्ट पेश करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम सोमवार को जिला जज की अदालत में जमा हो गई है। इस रिपोर्ट के जमा होने से उम्मीद जगी है कि ज्ञानवापी मामले का सच सामने आएगा। इससे पहले एएसआई ने रिपोर्ट सौंपने के लिए कोर्ट से तीन बार मोहलत मांगी थी। जिला न्यायाधीश की अदालत ने अंततः रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 18 दिसंबर निर्धारित की थी।
वकील विष्णु शंकर जैन से सुनिए ज्ञानवापी में शिवलिंग की खोज की कहानी। कल ASI रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जाएगी।@Vishnu_Jain1 pic.twitter.com/n6SIaXYCjL
— शुभम् हिन्दू (@Shubhamhindu01) December 10, 2023
इस घटनाक्रम के जवाब में मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर कर ASI रिपोर्ट को सील करने और इसे सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध किया है। 11 दिसंबर को ASI के वकील ने अदालत को सूचित किया कि ASI के अधीक्षण पुरातत्वविद् अवनीश मोहंती की तबीयत खराब हो गई है और उन्हें उच्च रक्तचाप का सामना करना पड़ रहा है। वकील ने और समय देने का अनुरोध करते हुए अदालत की अगली तारीख मांगी थी। जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने ASI को रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख 18 दिसंबर तय करते हुए विस्तार दिया।
अदालत के आदेशों के बाद, ASI ने 4 अगस्त को ज्ञान कॉम्प्लेक्स का एक सर्वेक्षण शुरू किया, जिसमें सीलबंद बाथरूम के अलावा अन्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। सर्वेक्षण, जिसमें पारंपरिक तरीकों और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक का इस्तेमाल किया गया, 2 नवंबर तक जारी रहा। जांच में ज्ञानवापी की बाहरी दीवारें, पश्चिमी दीवार, मीनारें, गुंबद, तहखाने आदि शामिल थे। ASI के अतिरिक्त महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने संपूर्ण सर्वेक्षण प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
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