जिले के दो खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वलसाड का नाम रोशन कर चुके हैं. इनमें सरिता गायकवाड़ एशियाड में रिले रेस में गोल्ड और मुरली गावित दस हजार मीटर की रेस में नीदरलैंड के लीडेन में गौडेन स्पाइक प्रतियोगिता में गोल्ड और एशियाड में कांस्य पदक जीत चुके हैं. गावित लॉकडाउन के दौरान घर में रह ओलंपिक की तैयार में जुटे हैं. डांग एक्सप्रेस नाम से जाने वाले मुरली गावित भारत के शीर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ लंबी दूरी के धावकों में से एक हैं. गावित ने तीन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर चुके हैं. गावित फिलहाल लॉकडाउन के चलते घर में ही ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में जब पूरा देश कोरोना की चपेट में हैं, हर कोई कोरोना प्रकोप से तनावग्रस्त है. भारतीय इस आपदा के समय को मानसिक और शारीरिक तत्परता के चलते अवसर में बदलने माहिर हैं. कोरोना काल में मुरली गावित अपने वाघई तालुका में कुमारबांध में गृहनगर आए हैं. वे घर पर ही रह कर ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहे हैं और दूसरों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए प्रेरित कर हैं.
डांग जिले के वाघई तालुका में कुमारबांध के अपने गृहनगर में सात दिनों तक सरकारी संगरोध में रहने के बाद, वह 19 जून से अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. एक भेंट में गावित ने बताया कि आज पूरी दुनिया में निराशा का माहौल है. तभी कुछ सकारात्मक करने का विचार मन में आया. लॉकडाउन के कारण और कुछ नहीं किया जा सकता है, फिट रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है और मैं फिलहाल गांव में रह कर तैयारी कर रहा हूं. उन्होंने बताया कि इसमें अंतरराष्ट्रीय कोच ह्यूगो वनदे और भारतीय कोच मोहन मौर्या के ऑनलाइन मार्गदर्शन में अपना अभ्यास कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि भविष्य में आदिवासी क्षेत्र के युवाओं में सुप्त शक्तियों को जागृत करने के लिए एक अकादमी की स्थापना करने का लक्ष्य है. गावित ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान खिलाड़ी के सभी खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है. भारत सरकार के 'वंदे भारत मिशन' के तहत एक विशेष उड़ान पर जाने वाले मुरली गावित ने टोक्यो ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अपने लक्ष्य निर्धारित किए हैं.
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