जितेंदर कुमार ने बीते रविवार यानी 23 फरवरी 2020 को एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के साथ ओलिंपिक क्वॉलिफायर के लिए भारतीय टीम में स्थान पक्का किया जिससे अनुभवी सुशील कुमार के लिए टोक्यो खेलों का द्वार बंद हो सकता है. दो बार के ओलिंपिक मेडल विजेता सुशील ने चोट का हवाला देते हुए इस चैंपियनशिप में भाग नहीं लिया. पुरुष फ्रीस्टाइल स्पर्धा के दूसरे दिन भारत के खाते में कोई गोल्ड मेडल नहीं जुड़ सका, क्योंकि दीपक पूनिया (86 किग्रा) और राहुल अवारे (61 किग्रा) ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए.
रिपोर्ट्स के अनुसार कजाख्स्तान के गत चैंपियन दानियार कैसानोव के खिलाफ जितेंदर ने शानदार रक्षात्मक रणनीति अपनाई लेकिन आक्रमण की कमी दिखाई दी जिससे वह गत चैंपियन से 1-3 से हार गए. हालांकि उनका प्रदर्शन राष्ट्रीय महासंघ को भरोसा दिलाने के लिए काफी था कि उन्हें ओलिंपिक क्वॉलिफायर के लिए किर्गिस्तान के बिशकेक जाना चाहिए और इस वर्ग के लिए दोबारा ट्रायल की जरूरत नहीं पड़ी.
अभी बंद नहीं हुआ है सुशील का रास्ता: हम बता दें कि इसका मतलब है कि दो बार के ओलिंपिक पदकधारी सुशील कुमार (वह भी 74 किग्रा में खेलते हैं) को इंतजार करके देखना होगा कि जितेंदर बिशकेक में कैसा प्रदर्शन करते हैं जिसमें फाइनल में पहुंचने वाला पहलवान तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर लेगा. अगर जितेंदर वहां गोल्ड मेडल के मुकाबले तक पहुंच जाते हैं तो इससे सुशील का रास्ता बंद हो जाएगा जो 2018 एशियाई खेलों के बाद से जूझ रहे हैं. अगर जितेंदर बिशकेक में ओलिंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाते हैं तो अंतिम मौका अप्रैल में विश्व क्वॉलिफाइंग प्रतियोगिता के जरिए मिलेगा.
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