इस्लामाबाद: आने वाले दिनों में पाकिस्तान की वृद्धि दर रुक सकती है. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अनुसार पाकिस्तान की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018 में 5.2 प्रतिशत से गिरकर 2019 में 3.9 प्रतिशत पर आ जाने की आशंका है. एडीबी का कहना है कि जब तक बड़े पैमाने पर वित्तीय असंतुलन को कम नहीं किया जाता है तब तक वृद्धि के लिए परिदृश्य सुस्त बना रहेगा. इसके साथ ही ऊंची मुद्रास्फीति रहेगी और मुद्रा पर दबाव कायम रहेगा.
एडीबी के अनुसार पाकिस्तान को थोड़ा बहुत विदेशी मुद्रा भंडार भी बनाए रखने के लिए बड़ी मात्रा में बाहरी सहायता की आवश्यकता होगी. रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के कृत्रि क्षेत्र में सुधार हुआ है, किन्तु इसके बाद भी 2018 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ गई है. एडीबी ने कहा है कि 2020 में भी राजकोषीय मजबूती और अनुशासन जारी रहने के कारण पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर मात्र 3.6 प्रतिशत रह जाने की संभावना है.
वहीं वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस बात का भी खौफ है कि भारत की लॉबिंग के कारण उसे 10 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है. इस बारे में हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने खुद काबुल किया है. कुरैशी के अनुसार भारत की 'लॉबिंग' से पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा काली सूची में डाला जा सकता है. इस कारण पाकिस्तान को 10 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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