इस्लामाबाद: लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी फ़ौज के चीफ बनने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उनके नाम का ऐलान किया है। कमर जावेद बाजवा के रिटायरमेंट के बाद नए सेनाध्यक्ष के लिए दौड़ में कई नाम शामिल थे, मगर सेना की कमान असीम मुनीर को सौंपी गई। बता दें कि, लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी फ़ौज के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनकी तैनाती रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर में थी। 2017 में DG मिलिट्री इंटेलिजेंस के पद पर रहने के बाद मुनीर वर्ष 2018 में 8 महीने के लिए पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के प्रमुख भी रहे। 2018 में मुनीर दो स्टार रैंक वाले जनरल थे।
रिपोर्ट के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर उनका चार वर्षों का कार्यकाल 27 नवंबर को ख़त्म हो रहा है। इस कार्यकाल के खत्म होते-होते उन्हें सेना चीफ बनाने का ऐलान किया गया है। असीम मुनीर महज 8 महीने ISI प्रमुख रहे, इसका कारण थे तत्कालीन पीएम इमरान खान। इमरान खान के कहने पर ही मुनीर को ISI से बाहर किया गया था। इस बात का खुलासा पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने किया था। उन्होंने बताया था कि उस समय जनरल मुनीर डीजी ISI थे, तो उन्होंने इमरान से कहा था कि पंजाब प्रांत के हालात सही नहीं है। यदि वहां के नेतृत्व में परिवर्तन नहीं हुआ, तो नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। मुनीर ने इमरान से बातचीत में यह बात स्पष्ट रूप से कही थी कि पंजाब प्रांत में जो हालात बने हैं उससे सेना की छवि धूमिल हो रही है।
हालांकि, इमरान खान ने मुनीर की बात पर तो कोई उत्तर नहीं दिया, मगर उन्होंने तत्कालीन सेना चीफ जनरल बाजवा को मुनीर को हटाने का इशारा कर दिया। इसके बाद ही मुनीर को गुंजरावाला भेजा गया था। पूर्व पीएम इमरान खान की बेगम बुशरा बीबी ने जो भ्रष्टाचार किया, उसका खुलासा भी स्पष्ट तौर पर जनरल मुनीर ने इमरान के सामने ही कर दिया था। यह बात भी इमरान को रास नहीं आई थी। मुनीर की ISI से विदाई के पीछे यह भी एक बड़ी वजह मानी गई थी।
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