गुवाहाटी: असम के पाँच उग्रवादी समूहों से जुड़े जनजाति समाज के तक़रीबन 1182 कैडरों ने गुरुवार (6 जुलाई) को राजधानी गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम हिमंता बिस्व सरमा के सामने हथियार डालकर सरेंडर कर दिया। इस दौरान असम के मंत्रीगण और पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। जिन उग्रवादी गुटों के कैडरों ने सरेंडर किया है, उनके नाम ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA), बिरसा कमांडो फोर्स (BCF), संथाल टाइगर फोर्स (STF), आदिवासी कोबरा मिलिटेंट असम (ACMA) और आदिवासी पीपुल्स आर्मी (APA) हैं।
Assam makes another leap towards peace!
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 6, 2023
A warm welcome to the 1,182 members of various Adivasi insurgent outfits who abandoned the path of violence and joined Hon’ble Prime Minster Shri @narendramodi ji’s mission of peace and progress in the North East. pic.twitter.com/5wn2kXeHk1
रिपोर्ट के अनुसार, उग्रवादी संगठनों के कैडरों द्वारा सरेंडर पर सीएम सरमा ने कहा है कि, 'असम ने शांति की दिशा में एक और छलांग लगाई। अलग-अलग आदिवासी विद्रोही संगठनों के 1,182 सदस्यों का हार्दिक स्वागत, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया और उत्तर पूर्व में शांति और प्रगति के माननीय पीएम श्री नरेंद्र मोदी के मिशन मे शामिल हो गए।' असम में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए आदिवासी कल्याण एवं विकास परिषद के पदाधिकारी इस समारोह की अगुवाई की। इस दौरान कैडरों को समाज कल्याण की भी शपथ दिलाई गई। यह कार्यक्रम गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित किया गया था।
बता दें कि इन उग्रवादी संगठनों ने 24 जनवरी 2012 को सरकार के समक्ष सरेंडर कर दिया था और 4 अक्टूबर 2016 को सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते पर दस्तखत किए थे। SoO समझौते पर दस्तखत करने के बाद से इनके और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। इसके बाद, 15 सितंबर 2022 को इन समूहों और सरकार के बीच समझौते पर साइन हुए। इस समझौते के तहत असम सरकार ने एक 16 सदस्यीय आदिवासी कल्याण एवं विकास परिषद गठित किया है। इस दौरान आशिम हादसा ने इसके सचिव के तौर पर शपथ भी ग्रहण की।
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