नई दिल्ली: असम में NRC लागू होने के बाद एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है। राज्य सरकार ने तेजपुर जिले में स्थित विदेशी हिरासत केंद्र में एक कैदी की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश जारी किए हैं। तेजपुर जेल व हिरासत केंद्र के अधीक्षक मृणमय दावका के मुताबिक, दुलाल पाल नाम के एक कैदी के बेटे ने अपने पिता का शव लेने से मना कर दिया है।
उसका कहना है वे तब तक शव नहीं लेंगे, जब तक उसके पिता को भारतीय नागरिक घोषित नहीं कर दिया जाता। पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी ट्रिब्यूनल ने दुलाल पाल को 2017 में बांग्लादेशी घोषित किया था। जिसके बाद उसे तेजपुर जेल व हिरासत केंद्र में रखा गया। डीसीपी मानवेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, 65 साल के पाल को गुवाहाटी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मृत्यु हो गई। प्रताप सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच के लिए 'द बेंगाली फेडरेशन ऑफ असम' ने भी एक ज्ञापन सौंपा था।
वहीं दावका के मुताबिक, पाल का डायबटिज और मनोविकार संबंधी रोगों का भी उपचार चल रहा था। 11 अक्टूबर को तेजपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जांच की गई। इससे अगले दिन उसकी हालत अधिक खराब हो गई। उसे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) भेज दिया गया जहां 13 अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गई।
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