असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद में दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने सीमा विवाद समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं लेकिन अभी भी यह विवाद थमता नहीं दिखाई दे रहा है। अब इस पूरे मामले में असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ''हमारे सभी पड़ोसी राज्यों ने हमारी जमीन का कुछ हिस्सा ले लिया है। इस मामले को जल्द सुलझाया जाना चाहिए।'' इसी के साथ असम सांसद बदरुद्दीन अजमल ने यह भी कहा कि, ''सीमा विवाद जल्द सुलझना चाहिए। इस मामले में मैं आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलूंगा और इसके साथ ही चिट्ठी लिखकर इस विषय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अवगत करवाऊंगा।''
वहीँ दूसरी तरफ दोनों राज्यों के जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी करते हुए कहा कि, ''राज्य की सीमा पर दोनों राज्य अपने-अपने वन और पुलिस बलों को गश्त, वर्चस्व, प्रवर्तन या उन क्षेत्रों में नए सिरे से तैनाती के लिए नहीं भेजेंगे, जहां हाल के दिनों में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच टकराव हुआ था।'' इसमें असम-मिजोरम सीमा पर असम के करीमगंज, हैलाकांडी, और कछार जिलों और मिजोरम के ममित और कोलासिब जिलों के विवाद वाले सभी क्षेत्रों को शामिल करने का फैसला किया गया है।
वहीँ इस संयुक्त बयान पर असम के सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा और विभाग के आयुक्त और सचिव जीडी त्रिपाठी और मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना और गृह सचिव वनलालंगथसाका ने हस्ताक्षर किए हैं। आपको हम यह भी बता दें कि इससे पहले असम और मिजोरम दोनों ही राज्यों के जनप्रतिनिधियों ने बीते दिनों एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जी दरअसल दोनों ही राज्यों ने अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति जताई है।
वहीँ इस बातचीत के बाद असम सरकार ने मिजोरम की यात्रा के खिलाफ पूर्व में जारी एडवाइजरी रद्द करने का फैसला लिया था और दोनों ही राज्य सरकारों ने अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा तटस्थ बल की तैनाती करने का भी स्वागत किया था।
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