नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कथित शराब घोटाले को लेकर CBI की जांच में घिरे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें एक और मामले में बढ़ती नज़र आ रहीं हैं। दरअसल, असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दाखिल किए गए मानहानि केस में कामरूप की CJM कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को समन जारी किया है। उन्होंने मनीष सिसोदिया को 29 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
बता दें कि असम के सीएम ने सिसोदिया के खिलाफ 30 जून को कामरूप (ग्रामीण) CJM कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। दरअसल, सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, असम सरकार ने CM सरमा की पत्नी की कंपनी से मार्केट रेट से ज्यादा मूल्य पर PPE किट खरीदी है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि असम सरकार ने दूसरी कंपनियों से 600 रुपए की दर से PPE किट खरीदी, जबकि सीएम सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के हिस्सेदारी वाली कंपनी को एक किट के लिए 990 रुपए दिए। मनीष सिसोदिया ने 4 जून को एक प्रेस वार्ता करते हुए ये आरोप लगाए थे।
हिमंता सरमा से पहले उनकी पत्नी रिंकी भूइयां सरमा ने भी सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। गुवाहाटी कामरूप सिविल जज की कोर्ट में मानहानि का सिविल केस दर्ज कराते हुए उन्होंने 100 करोड़ रुपए जुर्माने की मांग की है। रिंकी भूइंया और हिमंत बिस्वा सरमा ने सिसोदिया के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें झूठा और बेबुनियाद करार दिया था। इसके साथ ही सीएम सरमा ने सिसोदिया को आरोप साबित करने की चुनौती दी थी।
बता दें कि सिसोदिया के खिलाफ यह समन ऐसे वक़्त पर जारी किया गया है, जब वह पहले ही दिल्ली में शराब नीति को लेकर घोटाले के आरोपों में घिरे हुए हैं। शिक्षा और आबकारी विभाग संभालने वाले सिसोदिया शराब घोटाले में CBI जांच का सामना कर रहे हैं। हाल ही में CBI ने उनके घर पर रेड भी मारी थी। हालांकि, मनीष सिसोदिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण भाजपा इस तरह के आरोप लगा रही है।
आरोपों के जवाब नहीं दे रहे मनीष सिसोदिया:-
इन दोनों मामलों ये भी गौर करने वाली बात है कि, सिसोदिया ने सीएम सरमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके जवाब में असम के CM ने उनपर मानहानि का केस ठोंकते हुए अपने आरोप साबित करने की चुनौती दे डाली। वहीं, जब सिसोदिया पर नई शराब नीति के तहत घोटाला करने के आरोप लगे तो पहले तो उन्होंने यू टर्न मरते हुए वापस पुरानी शराब नीति लागू करने का ऐलान कर दिया। जब घोटाले को लेकर सवाल किए गए तो सिसोदिया कहने लगे कि भाजपा, केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण ये आरोप लगा रही है। अब ऐसे में सवाल ये है कि, अगर शराब घोटाले के आरोप गलत हैं तो केजरीवाल सरकार ने CBI जाँच के आदेश जारी होते ही फ़ौरन नई आबकारी नीति वापस क्यों ले ली ? वहीं, यदि आरोप गलत हैं तो सिसोदिया भी सीएम सरमा की तरह मानहानि का केस ठोंक सकते हैं, लेकिन वे तो आरोपों पर जवाब देने की बजाए मैं डरूंगा नहीं, मैं महाराणा का वंशज हूँ, मैं भगत सिंह का वंशज हूँ, जैसे सियासी बयान दे रहे हैं। बहरहाल, CBI जांच जारी है, और देखना ये है कि जांच में सिसोदिया आरोपी सिद्ध होते हैं या बेकसूर।
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