गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने बीते गुरुवार को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि 'आम तौर पर हिंदू दंगों में शामिल नहीं होते हैं। वे शांतिप्रिय हैं। एक समुदाय के रूप में भी हिंदू जिहाद में विश्वास नहीं करते हैं।' जी दरअसल उन्होंने यह जवाब 2002 में दंगाइयों को सबक सिखाने वाली अमित शाह की टिप्पणी पर दिया। यहाँ बिस्वा ने कहा कि '2002 के बाद से, गुजरात सरकार ने राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए कई कार्रवाई की। अब राज्य में स्थायी शांति है। अब कोई कर्फ्यू नहीं होता है। दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुझे यह सुनिश्चित करना है कि असम में भी शांति हो।'
इसी के साथ इंटरव्यू के दौरान जब बिस्वा से उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से भड़काऊ भाषण, लव जिहाद, आफताब पूनावाला पर की गई टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- ''किसी भी वामपंथी झुकाव वाले व्यक्ति के लिए यह एक सांप्रदायिक टिप्पणी है, लेकिन मैंने यह एक राष्ट्रीय भावना में कहा। उन्होंने लव जिहाद पर कहा कि एक साजिश है, जिसमें मुस्लिम पुरुषों पर हिंदुओं को लुभाने का आरोप लगाया जाता है और महिलाओं को धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है।''
इसी के साथ बिस्वा ने कहा- ''लव जिहाद को नजरअंदाज करना कुछ लोगों की ओर से तुष्टीकरण की राजनीति है। यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए चिंता की बात है। लव जिहाद के सबूत हैं। यहां तक कि आफताब पूनावाला के पॉलीग्राफ टेस्ट में भी कहा गया है कि उसने खुलासा किया कि उसकी हरकतें उसे जन्नत तक ले जाएंगी। इस पर रिपोर्ट्स भी हैं।''
आगे कांग्रेस से BJP में आने को लेकर बिस्वा ने कहा कि, 'कांग्रेस में उन्होंने 22 साल बर्बाद किए हैं। कांग्रेस में रहते हुए आप एक परिवार की पूजा कर रहे होते हैं, जबकि BJP में रहते हुए आप देश की पूजा करते हैं।' आपको बता दें कि हिमंत ने साल 2015 में कांग्रेस छोड़ दी और BJP में शामिल हो गए थे। वहीं इसके बाद पार्टी ने उन्हें असम में जीत के बाद राज्य का CM बनाया।
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