क्या माफ़ी मांगने से बच गए केजरीवाल ? असम दौरे पर CM सरमा के खिलाफ क्यों नहीं बोले AAP सुप्रीमो

क्या माफ़ी मांगने से बच गए केजरीवाल ? असम दौरे पर CM सरमा के खिलाफ क्यों नहीं बोले AAP सुप्रीमो
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गुवाहाटी: दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के बयान पर असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने करारा पलटवार किया है। उन्होंने केजरीवाल को कायर करार देते हुए कहा कि आप (केजरीवाल) केवल विधानसभा की चार दिवारी में अपनी वीरता दिखा सकते हैं, मगर मेरे खिलाफ किसी मामले पर बोलने की उनमे हिम्मत नहीं है। असम की मेहमानवाजी पर केजरीवाल की टिप्पणी का भी उन्होंने जवाब दिया, सीएम सरमा ने कहा कि औरंगजेब जब असम आया था, तो उसको यहाँ के लोगों ने मेहमान नहीं बनाया था।

रिपोर्ट के अनुसार, हिमंत बिस्वा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा और कहा कि, 'यदि आप एक आदमी हैं, तो एक आदमी की तरह बोलिए। यदि आप एक महिला हैं, तो एक महिला की तरह बोलिए। अगर आप एक नेता हैं, तो एक नेता की तरह बोलिए, मगर कायरों की तरह मत बोलो।' सीएम सरमा ने कहा कि, केजरीवाल में मेरे खिलाफ किसी भी मामले को लेकर बोलने की हिम्मत नहीं था, जिससे यह बात साबित होती है कि उनके पास केवल विधानसभा की चारदीवारी के भीतर ही अपनी बहादुरी दिखाने की ताकत है।'

सीएम सरमा ने कहा कि, 'केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में मुझपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, मगर मैं उन पर कार्रवाई नहीं कर सकता क्योंकि उन्हें नियमों के तहत संरक्षण प्राप्त है। मैंने उन्हें सदन के बाहर वही आरोप दोहराने की चुनौती दी थी और फिर मैं उन्हें कोर्ट में देखूंगा।' सरमा ने कहा कि, 'मगर यहां कुछ भी कहने की उनकी (केजरीवाल) हिम्मत नहीं हुई। उन्होंने काफी अनाप-शनाप बोला, मगर मेरे खिलाफ आरोपों पर कुछ नहीं बोला।'

बता दें कि, असम के सीएम ने शुक्रवार (31 मार्च) को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर केजरीवाल ने विधानसभा के बाहर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, तो वह केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल करेंगे और आरोपों को साबित करने की चुनौती देंगे। सरमा ने कहा कि, 'केजरीवाल की वीरता विधानसभा के अंदर तक ही सीमित है, क्योंकि उन्हें वहां विशेषाधिकार प्राप्त हैं।'

बता दें कि, गत वर्ष 2022 में दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सीएम सरमा पर PPE किट में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा दिया था। जिसके खिलाफ सरमा कोर्ट पहुँच गए थे और AAP नेता को आरोप साबित करने की चुनौती देते हुए मानहानि का केस दाखिल कर दिया था। बाद में सिसोदिया ऊपरी अदालत में गए और केस ख़ारिज करने की मांग की, इस पर कोर्ट ने सिसोदिया को बिना सोचे-समझे आरोप लगाने को लेकर जमकर फटकार लगाई थी। उससे पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी झूठे आरोप लगाने के लिए माफ़ी मांग चुके हैं। दरअसल, केजरीवाल ने एक बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर आरोप लगा दिया था कि, गडकरी ने AAP विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी, जिसके खिलाफ गडकरी ने केजरीवाल को आरोप साबित करने या माफ़ी मांगने का विकल्प देकर कोर्ट में ले गए। कोई प्रमाण न होने पर केजरीवाल ने लिखित में माफ़ी माँगना ही उचित समझा। शायद यही कारण रहा होगा कि, सीएम केजरीवाल ने हिमंता सरमा के खिलाफ अनाप-शनाप आरोप नहीं लगाए, क्योंकि सरमा पहले ही उन्हें कोर्ट की चेतावनी दे चुके थे। यदि केजरीवाल कुछ भी आरोप लगा देते, तो उन्हें अपने आरोपों का प्रमाण भी देना पड़ता, जो हो सकता है कि, उनके पास हो ही ना 

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