गुवाहाटी: असम में मदरसों को ध्वस्त किए जाने पर उठ रहे सवालों पर सीएम हेमंत बिस्व सरमा ने दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जिन मदरसों को गिराया गया है, वे शिक्षा केंद्र नहीं थे, बल्कि आतंकवाद का अड्डा थे। वहां बच्चों का भविष्य नहीं बनाया जा रहा था। वहां, आतंकी संगठनों से संबंधित कुछ लोग शिक्षक बनकर बच्चों को उनके रास्ते से भटकाने और उनको अपने साथ जोड़ने के काम में जुटे हुए थे।
इसके साथ ही सीएम सरमा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा पर भी टिप्पणी की और कहा कि भारत में सब एकजुट हैं, राहुल गांधी पाकिस्तान में यात्रा निकालें और उन्हें एकजुट करके पाकिस्तान को भारत में मिलाएं। सीएम हेमंत बिस्व सरमा ने राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया से कहा कि, 'सभी ध्वस्त मदरसे, मदरसे नहीं थी, बल्कि अल कायदा के दफ्तर थे। हमने 2-3 आतंकी मदरसों को ध्वस्त किया और अब जनता बाकी को गिराने आ रही है। मुस्लिम समुदाय खुद यह कहकर मदरसों को ध्वस्त करने आ रहा है कि उन्हें ऐसा मदरसा नहीं चाहिए, जहां अल कायदा का काम हो। इससे मदरसे का चरित्र बदल जाता है।'
लोगों ने खुद तोड़ डाला मदरसा:-
बता दें कि मंगलवार को सूबे के गोलपारा में एक मदरसे को आम जनता ने जाकर तोड़ दिया। जिले के पुलिस अधीक्षक वीवी राकेश रेड्डी ने कहा कि, 'स्थानीय लोगों ने मदरसे को जमींदोज़ करने की पहल की। इसमें सरकार शामिल नहीं थी। वे हैरान थे कि जिस जिहादी को अरेस्ट किया गया, वह मदरसे का शिक्षक था। लोगों ने सख्त संदेश दिया है कि वे आतंकी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते हैं।'
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