असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने अपनी पत्नी की कंपनी पर कोरोना महामारी के दौरान पीपीई किट की सप्लाई से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया है। जी दरअसल हाल ही में उन्होंने यह भी कहा है कि उनके परिवार को एक पैसा तक नहीं मिला है। आप सभी को बता दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की पहली लहर के समय मेडिकल उपकरणों की किल्लत पर बात करते हुए सरमा ने कहा, ‘हम देश के बहुत ज्यादा उत्तर में हैं। उस समय हम एक एक पीपीई किट के लिए संघर्ष कर रहे थे। सड़कें बंद थीं। ट्रेन और हवाई सेवा भी रुकी हुई थी। उस समय जो भी कोई पीपीई किट दे रहा था, हम उसके हमेशा आभारी रहेंगे।’
इसी के साथ सरमा ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘उस समय मेरे परिवार ने असम सरकार को पीपीई किट दान की थीं। और कोई बिजनेस ट्रांजेक्शन (पैसा ट्रांसफर) नहीं किया गया और मेरे परिवार से जुड़ी किसी कंपनी और व्यक्ति को एक पैसा भी नहीं दिया गया।’ इसी के साथ उन्होंने अपनी पत्नी रिंकी भुयान सरमा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कहा, 'असम सरकार द्वारा यह स्वीकार करने के बावजूद कि यह गिफ्ट था, हम आभारी हैं। उस पत्र का उल्लेख मेरी पत्नी पहले ही अपने ट्वीट में कर चुकी हैं। आप अकाउंट चेक करके देख सकते हैं कि उस कंपनी को राज्य सरकार की तरफ से एक भी पैसा दिया गया है या नहीं। अगर कोई इसे साबित कर सकता है, तो मैं बहुत खुश होऊंगा।'
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘लोगों को सोशल मीडिया या खबर में आधे तथ्य नहीं दिखाने चाहिए, उनमें सारे तथ्य दिखाने की हिम्मत होनी चाहिए। असम का मुख्यमंत्री होने के नाते मैं एक बार फिर स्पष्ट कर रहा हूं कि सप्लाई को लेकर असम सरकार की तरफ से मेरी पत्नी को एक पैसा भी नहीं मिला है।’ इसी के साथ हिमंत बिस्व सरमा ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों पर ये बातें कही हैं। हालाँकि इससे पहले सिसोदया ने असम के मुख्यमंत्री की पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चुप्पी साधने पर बीजेपी पर निशाना साधा था।
वहीँ सरमा ने दावा किया है कि उन्होंने मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से असम के लोगों की मदद करने के लिए कई बार अनुरोध किया था। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उनका फोन नहीं उठाया और न ही उनके अनुरोध पर प्रतिक्रिया दी। इसी के साथ असम सीएम ने कहा, ‘मैंने मनीष सिसयोदिया से असम के उन लोगों की मदद करने के लिए कहा था, जो अलग-अलग अस्पतालों में थे। मैंने उन्हें फोन किया, उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। मैंने उन्हें ट्वीट किया, दिल्ली के मुख्यमंत्री को, उन्होंने जवाब नहीं दिया। आखिर में मुझे दिल्ली में रह रहे असम के लोगों को गुवाहाटी से रेमडेसिविर इंजेक्शन भेजने पड़े।’
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