गुवाहाटी: कोरोना संकट के बीच असम दौरे पर उपस्थित देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कामाख्या मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। इस के चलते उनके साथ प्रदेश के सीएम हिमंत बिस्व सरमा भी थे। गुवाहाटी से दो मील दूरी पर पश्चिम में नीलगिरि पर्वत पर कामाख्या शक्तिपीठ है। कालिका पुराण में कामाख्या मंदिर का जिक्र प्राप्त होता है, इसे सबसे पुराना शक्तिपीठ कहा जाता है।
बृहस्पतिवार को ही रक्षामंत्री ने असम के लखीमपुर में किमिन-पोटिन रोड का उद्घाटन किया। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) की बनाई गई डबल-लेन 20 किलोमीटर ये सड़क अरुणाचल प्रदेश में प्रस्तावित औद्योगिक बेल्ट बनाने के लिए सुविधा देने का कार्य करेगी। ये सड़क असम से निचले सुबनसिरी जिले के लिए मुख्य तौर पर जोड़ेगी। सड़क प्रोजेक्ट के उद्घाटन के चलते राजनाथ सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व ही गलवान घाटी में हुई घटना को एक वर्ष गुजरा हैं। हमारे सैनिकों ने जिस शौर्य तथा पराक्रम का परिचय देते हुए अपनी शहादत दी एवं भारत की सीमाओं की रक्षा की उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वो कम है।
उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर का रणनीतिक रूप से काफी अहमियत है, इसका भूगोल बेजोड़ है। ये सड़कें विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे उत्तरी एवं पूर्वी सीमाओं में राष्ट्र को समर्पित 12 नई सड़कों का उद्घाटन किया। 12 सड़कों में से एक सड़क केंद्र शासित राज्य लद्दाख में, एक सड़क जम्मू-कश्मीर में तथा 10 सड़कें अरुणाचल प्रदेश में बनाई गई हैं। राजनाथ सिंह ने बताया कि काफी वक़्त से पूर्वोत्तर का विकास नहीं हुआ। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से पूर्वोत्तर का विकास हुआ है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
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