गुवाहाटी: महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन समाप्त होने के बाद अब एक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित प्रदेश में बगावत के सुर उठने लगे हैं। ये प्रदेश कोई और नहीं बल्कि असम है जहां भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (अगप) ने केंद्र सरकार के सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के विरुद्ध बयान दिया है। अगप नेता प्रफुल्ल कुमार महंता ने अपने बयान में कहा है कि वो भाजपा सरकार के इस विधेयक का विरोध करेंगे।
महंता ने गुवहाटी में आयोजित की गई एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि यदि Citizenship Bill लागू किया जाता है, तो यहां के मूल निवासियों के अधिकारों का हनन होगा। क्योंकि बाहर से आए हुए अवैध लोगों को यहां की नागरिकता दे दी जाएगी, जिसके बाद प्रदेश के संसाधनों पर उनका भी अधिकार हो जाएगा। प्रफुल्ल ने आगे कहा कि अगर भाजपा यह बिल लाती है तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी।
आपको बता दें कि प्रदेश के सत्तारुढ़ भाजपा गठबंधन में अगप भी शामिल है। उसके तीन मंत्री हैं। जब पिछली दफा केंद्र की भाजपानीत सरकार राज्यसभा में यह बिल लाने वाली थी तब अगप के तीन मंत्रियों ने त्यागपत्र दे दिया था। किन्तु लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने से यह बिल कानून में तब्दील नहीं हो पाया। बाद में अगप के मंत्री वापस काम पर लौट आए। मगर इस बार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बिल के आने की चर्चा फिर से शुरू हो गई है।
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