गुवाहाटी: असम की हिमंता बिस्वा सरकार ने प्रदेश में सरकारी सहायता से चलाए जा रहे 1281 मदरसे बंद करके उनकी जगह इंग्लिश स्कूल खोल दिए हैं। इसके लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। अब इन मदरसों में इस्लामी शिक्षा की जगह सामान्य विषयों की पढ़ाई होगी। असम सरकार के 1281 मदरसों को बंद करने के फैसले को बताते हुए प्रदेश के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “सभी सरकारी एवं प्रांतीय मदरसों के स्कूलों में SEBA (असम सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड) के तहत आज असम शिक्षा विभाग ने 1281 माध्यमिक शिक्षा मदरसों को माध्यमिक शिक्षा विद्यालयों में बदलने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
असम सरकार द्वारा जारी की गई सूची के मुताबिक, सर्वाधिक मदरसे असम-बांग्लादेश सीमा पर बसे जिले धुबरी में बंद किए गए हैं। इनकी संख्या 268 है। इसके अतिरिक्त बारपेटा, नोगाँव एवं गोलपाड़ा आदि में भी बड़े आंकड़े में मदरसे बंद किए गए हैं। इन जिलों में बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों की भी भरमार रही है। प्रदेश के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा पहले ही कह चुके हैं कि वह प्रदेश के सभी मदरसे बंद करना चाहते हैं क्योंकि नए भारत में लोगों को स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों की जरुरत है जो कि डॉक्टर, इंजीनियर एवं प्रोफेशनल्स बनाएँ ना कि मदरसों की।
वही असम में इससे पहले 600 मदरसों को बंद किया गया था। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कर्नाटक चुनावों के चलते आयोजित एक रैली में कहा था कि वह प्रदेश में 600 मदरसे बंद कर चुके हैं तथा सभी मदरसों को बंद करने की इच्छा रखते हैं। इसी साल मई में भी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि वह 300 मदरसे बंद करेंगे। असम के सीएम ने इसे पुलिस एवं कौमी संगठनों के बीच बातचीत का परिणाम बताया था। गौरतलब है कि असम सरकार प्रदेश में अवैध घुसपैठियों एवं कट्टरपंथ को लेकर बहुत सख्त रवैया अपना रही है।
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