गुवाहाटी: असम के मोरीगांव में अवैध किडनी व्यापार रैकेट में संलिप्त मां-बेटे और उनके साथी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी गरीब ग्रामीणों को किडनी दान करने पर 4-5 लाख रुपये देने का प्रलोभन देते थे. गिरफ्तार महिला और उसके साथी मध्य असम के मोरीगांव जिले के दक्षिण धर्मतुल गांव में किडनी का गैर कानूनी कारोबार कर रहे थे. उन्होंने गरीब ग्राम वासियों को 4-5 लाख रुपये देने का वादा किया था.
किडनी बेचने वालों की खोज में शनिवार को गांव का दौरा करने के दौरान गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने महिला और उसके बेटे को दबोच लिया, जिसके बाद रैकेट का खुलासा हुआ. बाद में ग्रामीणों ने उन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया. बताया जाता है कि गांव के कम से कम 20 लोगों ने अपनी एक-एक किडनी बेच दी है. गिरफ्तार महिला एजेंट की शिनाख्त गुवाहाटी निवासी लिलिमाई बोडो के रूप में हुई है. पुलिस ने बोडो, उनके बेटे और उनके साथी रमेन मेधी को अरेस्ट कर लिया है. मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक (SP) अपर्णा नटराजन ने कहा कि, ”जागीरोड थाने में मानव तस्करी की धाराओं के तहत केस (432/21) दर्ज किया गया है. महिला फिलहाल पुलिस कस्टडी में है. हमारी जांच जारी है. हम रैकेट के स्थानीय एजेंटों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.
बता दें कि दक्षिण धरमतुल गांव के लोग अधिकतर किसान और दिहाड़ी श्रमिक हैं. इनमें से अधिकतर गरीबी रेखा के नीचे आते हैं. दक्षिण धरमतुल गांव के स्थानीय निवासी के दास ने कहा कि ऋण की रकम चुकाने के लिए उन्होंने एक किडनी बेच दी. उन्होंने कहा कि, 'मैंने सिर्फ अपने परिवार के लिए और कर्ज राशि चुकाने के लिए एक किडनी बेच दी. एजेंट ने मुझे 4 लाख रुपये देने का वादा किया, किन्तु मुझे 3.6 लाख रुपये मिले.'
नियो-जेएमबी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के 5 सदस्यों को किया गया गिरफ्तार
बेटे की चाहत में हैवान बना पिता, दो मासूम बेटियों पर किया जानलेवा हमला, 1 की मौत