हिंदू धर्म में अक्षत को बहुत ही पवित्र माना जाता है। आप जानते ही होंगे कोई भी पूजा या अनुष्ठान हो तो वह बिना चावलों के पूरा नहीं माना जाता। ऐसा माना जाता है कि पूजा में अक्षत का इस्तेमाल बहुत उपयोगी है। जी हाँ और केवल भगवान विष्णु को छोड़कर लगभग सभी देवताओं को चावल या अक्षत अर्पित किए जाते हैं। आपको बता दें कि चावल के दानों से किए गए उपाय भी बेहद चमत्कारी हैं और आज हम आपको कुछ खास उपाय ही बताने जा रहे हैं।
अक्षत को कैसे करें पीला- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सफेद चावलों की तुलना में पीले रंग के चावलों को ज्यादा उपयोगी और पवित्र माना गया है। जी दरअसल चावल को पीला करने के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में इसके लिए आप थोड़ी हल्दी को पानी में घोल लें और उसमें चावल डाल लें। इसके बाद चावलों को अच्छे से सुखा लें और फिर ही पूजा में इस्तेमाल करें। हालाँकि इस दौरान एक बात का खास ख्याल रखें कि पूजा के चावल के दाने साबुत होने चाहिए। टूटे हुए चावलों का पूजा में प्रयोग अशुभ माना गया है।
पीले चावलों से करें ये उपाय-
* आप किसी भी शुभ दिन जैसे शुक्रवार को इन पीले चावलों का प्रयोग करें। शुक्रवार या एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मां लक्ष्मी के सम्मुख आसन लगा कर बैठ जाएं और पीले रंग के चावलों की पोटली बना लें। औक मां को अर्पित करें। जी दरअसल ऐसा करने से धन संबंधी समस्साएं दूर हो जाती हैं।
* देवी-देवताओं को पूजा में आमंत्रित करने के लिए पीले रंग के चावलों का इस्तेमाल किया जाता है। जी हाँ और कहते हैं ऐसा करने से भगवान जरूर आते हैं और भक्तों के सभी दुःख दूर होते हैं।
* नियमित सोमवार के दिन पूजा में चावलों का प्रयोग करें और बचे हुए चावल किसी मंदिर या किसी को दान में दे दें। इसे सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
* मान्यता है कि पीले चावलों के बिना कोई भी शुभ कार्य पूरा नहीं होता। जी हाँ और इसके प्रयोग से शुभ कार्य निर्विघ्न पूरा हो जाता है।
* किसी शुभ दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद लाल रंग के रेशमी कपड़े में 21 पीले चावलों के दानें रख कर पोटली बना लें। अब मां लक्ष्मी की पूजा करें और इस दौरान चावलों की इस पोटली को शामिल करें। पूजा करने के बाद इस पोटली में पर्स में रख लें या फिर धन वाले स्थान पर रखने से लाभ होता है।
* कहा जाता है मनोकामना पूर्ति के लिए शुक्रवार को रात 10 बजे के बाद एक चौकी पर दल से भरा कलश रखें और केसर से स्वास्तिक बनाना चाहिए और इसके बाद कलश में एक रूपये का सिक्का डाल दें। अब एक प्लेट में पीले रंग के चावल रखकर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद श्री यंत्र की स्थापना करें और कुमकुम, चावल से पूजन करें। इसी दौरान चौमुखी दीपक जलाएं और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगे।
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