श्रीमद भागवत का पाठ करने से पुण्य प्राप्त होता है तथा पाप का नाश होता है. कहते हैं कि भागवत का प्रतिदिन पाठ करने से मनुष्य को सभी तरह की परेशानियों का हल करने की ताकत प्राप्त होती है. साथ ही उसके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है. यदि आपके पास इतना वक़्त नहीं है कि आप भागवत पढ़ सकें तो प्रतिदिन केवल एक मंत्र का जाप करने से भी आपको संपूर्ण श्रीमद्भागवत पढ़ने का फल प्राप्त हो सकता है. आइए आपको बताते है इस एक मंत्र के बारे में...
श्लोकरूपी भागवत मंत्र:-
आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।
माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
जानिए मंत्र का अर्थ:-
बता दें कि इसका मतलब है प्रभु श्रीकृष्ण ने देवकी के गर्भ में जन्म लिया, गोपी-ग्वालों के साथ बड़े हुए, पूतना का संहार किया, गोवर्धन पर्वत को धारण किया, कंस का वध किया, कुंती पुत्र यानी पांडवों की रक्षा की, कौरवों का नाश किया इस तरह कृष्ण ने संसार में अपनी लीलाएं रची.
मंत्र जाप करने की विधि:-
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस एक श्लोकी मंत्र का जाप बेहद शुभ लाभदायी साबित होता है. शास्त्रों के मुताबिक, यदि विधिपूर्वक इस मंत्र का जाप किया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में वे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है, जिसका वे हकदार है. इतना ही नहीं, व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाने में भी ये मंत्र बहुत शुभ लाभदायी माना गया है. यदि आप भी इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो प्रातः उठकर स्नान आदि के बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें. फिर इस मंत्र के जाप के लिए तुलसी की माला का इस्तेमाल करें. कहते हैं कि यदि ये मंत्र जाप तुलसी की माला से किया जाए, तो ये विशेष लाभदायी साबित होता है. हर दिन पांच माला जाप लाभदायी बताया गया है.
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