ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लगभग प्रत्येक ढाई वर्ष बाद शनि एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में जाते हैं। शनि के एक राशि परिवर्तन से सभी जातको के जीवन में इसका गहरा असर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिसकी कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होता है उसको आर्थिक परेशानियां और अलग-अलह तरह की विपदा हमेशा घेरे रहती हैं। कुंडली में शनि के शुभ होने पर किसिस भी व्यक्ति को कई तरह के खुशियां एक साथ आती हैं। शनि पूरे 12 राशियों के एक चक्र को पूरा करने के लिए 30 सालों तक समय लेता है। शनि इस समय धनु राशि में विचरण कर रहा है। नए वर्ष 2020 की 24 जनवरी की तारीख को शनि का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। शनि 24 जनवरी को धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा। शनि के मकर राशि में प्रवेश से कई राशियों पर इसका प्रभाव होगा।
साल 2020 में किस पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
साल 2020 में शनि के मकर राशि में परिवर्तन होने से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव राशि के अनुसार अलग-अलग रहेगा।
24 जनवरी 2020 में शनि के मकर राशि में जाने पर मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या के प्रभाव में आ जाएंगे।
वहीं शनि के मकर राशि में जाने पर वृषभ और कन्या राशि के जातकों शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्त हो जाएंगे।
शनि के मकर राशि में जाने से कुंभ राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
वृश्चिक राशि के लोग साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे।
साल 2019 में किन पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
इस समय शनि धनु राशि में है। इस कारण वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती है। जबकि वृष और कन्या राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है।
शनि दोष को कम करने के उपाय
शनि देव को प्रसंन्न करने के लिए शनिवार के दिन उन्हें तेल चढ़ाना चाहिए और पीपल के पेड़ की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। शनिवार को काले तिल का दान, शमी के पेड़ की पूजा और चमड़े के जूते-चप्पल का दान करना भी शुभ माना गया है।
शनि की साढ़े साती और ढैय्या के ज्योतिष में उपाय
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