जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम हो या अधिक दोनों की स्थितियां सेहत के लिए ठीक नहीं है. एक रिसर्च के अनुसार, इन दोनों ही स्थितियों में आगे चल कर बच्चों में नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज का खतरा रहता है.यह बच्चों को होने वाले सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है.
इस बीमारी के कारण लिवर फेल होने का खतरा भी होता है. एक रिसर्च के मुताबिक, बढ़ते मोटापे की समस्या बढ़ने के कारण बच्चे सामान्य वजन से अधिक वजन के पैदा हो रहे है. जब बच्चे बढे होते है तो टीन एज में लिवर की बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है. सामान्य से कम वजन का यदि शिशु तो उसे इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
जन्म के समय के वजन से बीमारी का संबंध जानकर भविष्य में गर्भ में ही बच्चों के वजन को नियंत्रित रखने की दिशा में शोध को प्रोत्साहन मिलेगा. यह समस्या बच्चे की गर्भ में ही प्राप्त होती है. गर्भावस्था में डायबिटीज की समस्या होने के कारण भी इस बीमारी के बढ़ने के चांसेस बढ़ जाते है.
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