26 वर्ष की आयु में इस एक्ट्रेस खोया पति और फिर अपना बेटा भी

26 वर्ष की आयु में इस एक्ट्रेस खोया पति और फिर अपना बेटा भी
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हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, और हमें नहीं पता होता कि आने वाले कल में क्या होगा। हर इंसान की अपनी एक कहानी होती है, लेकिन कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो दिल को छू जाती हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है मराठी और हिंदी सिनेमा की दिग्गज एक्ट्रेस दुर्गा खोटे की। उन्होंने सिनेमा जगत में कई सुपरहिट फिल्में दीं और अपने समय में काफी मशहूर रहीं।

दुर्गा खोटे का संघर्ष भरा सफर: दुर्गा खोटे की जिंदगी में सफलता जरूर आई, लेकिन उससे पहले उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कम उम्र में पति का निधन हो गया और फिर बेटे की मौत ने भी उन्हें तोड़ दिया। लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद दुर्गा खोटे ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बनाया।

26 साल की उम्र में पति का निधन, फिर खोया बेटा: दुर्गा खोटे का जन्म 14 जनवरी 1905 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम विता लद था और उनके पिता का नाम पांडुरंग शामरउ लद और मां का नाम मंजूबाई था। दुर्गा खोटे का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत था और उन्होंने एक समय में मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, जो उस समय की महिलाओं के लिए बहुत बड़ी बात थी। करीब 17 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई, लेकिन 26 की उम्र तक पहुंचते ही उनके पति का निधन हो गया। शादी के 10 सालों में दुर्गा खोटे के दो बेटे हुए, बकुल और हकिन खोटे। दोनों बेटे अपनी जिंदगी में अच्छे से सैटल हो गए थे, लेकिन जब उनके बेटे हरिन 40 साल की उम्र में पहुंचे, तब उनका निधन हो गया। दुर्गा खोटे का खुद निधन 22 सितंबर 1991 को हुआ, जब वह 86 साल की थीं।

पति के निधन के बाद दुर्गा खोटे ने अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। वह उस दौर की बहुत अच्छी अंग्रेजी बोलने वाली महिलाओं में से एक थीं। साल 1931 में उन्होंने साइलेंट फिल्म 'फरेबी जाल' में एक छोटा सा रोल किया, लेकिन असली डेब्यू 1932 में फिल्म 'मचिंद्रा' से हुआ। फिल्मों में आने से पहले दुर्गा खोटे ने थिएटर में भी काम किया था। अपने करियर में उन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा में मिलाकर लगभग 200 फिल्मों में काम किया।

अगर हिंदी फिल्मों की बात करें तो दुर्गा खोटे ने कई यादगार फिल्में कीं। इनमें शामिल हैं:

'मुगल-ए-आजम'
'अमर ज्योति'
'बिदाई'
'भरत मिलाप'
'हमलोग'
'बावर्ची'
'जीने की राह'
'मिर्जा गालिब'
'एक फूल दो माली'
'बॉबी'
'खिलौना'
'खुशबू'
'कर्ज'
दुर्गा खोटे की यह फिल्मों की लिस्ट बताती है कि उन्होंने सिनेमा जगत में कितनी सफलता पाई। उनके संघर्ष भरे जीवन की कहानी हमें सिखाती है कि चाहे जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें आएं, अगर हम हिम्मत से काम लें और मेहनत करें, तो सफलता जरूर मिलती है।

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