पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जीवन पर्यन्त कुंवारे रहे है. मगर एक शख्स खुद को उनका मानस पुत्र घोषित करवाने पर आमादा है. उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का ये युवक लखनऊ में वकील है और इसने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है . इसका कहना है कि वह पूर्व पीएम का अपना पिता मानता है और वह उनकी सेवा करना चाहता है. लखनऊ वकालत करने वाले संजीव द्विवेदी ने कहा कि वह वर्ष 1996 में संसद भवन में पूर्व पीएम वाजपेयी द्वारा दिए गए भाषण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तब से ही वाजपेयी को भगवान की तरह पूजना शुरू कर दिया.
संजीव द्विवेदी ने कहा कि पूर्व पीएम वाजपेयी और उनके बीच एक भावनात्मक रिश्ता कायम हो गया है. उस मुलाकात के बाद से उन्होंने पूर्व पीएम पर कई कविताएं लिखी हैं.पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को अपना पिता तुल्य मानने वाले संजीव द्विवेदी को भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें निराश नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि वो अक्सर पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात करने उनके आवास पर जाते थे, लेकिन इधर उनका स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के बाद अब वो उनके पास रहकर उनकी सेवा करना चाहते हैं. वकील संजीव द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पुराणों में ब्रह्मा के 14 मानस पुत्रों और दयानंद सरस्वती के 2 मानस पुत्रों को हवाला देकर खुद को पूर्व पीएम का मानस पुत्र घोषित करने की मांग की है, जिसकी सुनवाई जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में संभावित है. द्विवेदी के मुताबिक, वर्ष 1996 के बाद से वह पूर्व पीएम वाजपेयी को फॉलो कर रहे हैं.
पूर्व पीएम की हर बात, हर कविता उनके जेहन में रच-बस गई है. वो बताते हैं कि नित्यक्रिया के बाद उनके हर दिन की शुरुआत मंदिर में रखी पूर्व पीएम की फोटो की आरती से शुरू होती है. द्विवेदी बताते हैं कि उन्होंने पूर्व पीएम वाजपेयी के ऊपर एक किताब भी लिखी है. किताब की छपाई का काम दिल्ली स्थित एक नामी प्रेस में चल रहा है. वकील साहब का कहना है कि उन्हें पूर्व पीएम के स्वास्थ्य की चिंता सता रही है. इसलिए उन्होंने पुराणों का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और खुद को उनका मानस पुत्र घोषित करने की मांग की है. थाना अरवल के चंदापुर निवासी वकील संजीव द्विवेदी कहना है कि उन्हें लगता है कि उनके और पूर्व पीएम वाजपेयी के बीच कोई रिश्ता है, क्योंकि जब पहली बार उनकी पूर्व पीएम से मुलाकात हुई थी, तो उन्हें देखकर पूर्व पीएम की आंखों से आंसू निकल पड़े थे.
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